गेहूं न बिकने पर किसानों ने किया प्रदर्शन

punjabkesari.in Friday, Apr 26, 2019 - 10:25 AM (IST)

श्री मुक्तसर साहिब(तनेजा): भले ही पंजाब सरकार की तरफ से ये दिशा-निर्देश जारी किए गए थे कि मंडीकरण बोर्ड पंजाब की ओर से जिला श्री मुक्तसर साहिब की ग्रामीण दाना मंडियों में सरकारी खरीद एजैंसियों की ओर से गेहूं की खरीद 1 अप्रैल से शुरू कर दी जाएगी परन्तु 4 हफ्ते गुजर जाने के बावजूद भी कई ग्रामीण दाना मंडियों में गेहूं की खरीद का काम अभी तक शुरू नहीं हुआ। इस कारण दाना मंडियां गेहूं के साथ भर गई हैं तथा ऊपर से और गेहूं फैंकने के लिए कई मंडियों में जगह ही नहीं रही। गेहूं न बिकने कारण मंडियों में बैठे किसान परेशान हो रहे हैं। कुछ स्थानों पर किसानों ने गेहूं न बिकने कारण रोष प्रदर्शन भी किया है।

उल्लेखनीय है कि अभी तो किसानों ने कंबाइनों के साथ गेहूं काटनी शुरू ही की है और खेतों में बहुत ’यादा गेहूं की फसल काटने हेतु पड़ी है। जब इस संबंधी जिला मंडी अफसर मनिंद्र सिंह बेदी के साथ संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि यह काम खरीद एजैंसियों का है। आप उनके साथ संपर्क करो परन्तु खरीद एजैंसियों के अधिकारियों के साथ संपर्क नहीं हो सका जबकि दूसरे औरभारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां ग्रुप के प्रांतीय कमेटी मैंबर गुरांदित्ता सिंह भागसर, जिला प्रधान पूर्ण सिंह दोदा, गुरभगत सिंह भलाईआना और सुखराज सिंह रहूडिय़ांवाली ने कहा है कि यदि ग्रामीण दाना मंडियों में गेहूं की खरीद तुरंत शुरू न की गई तो जत्थेबंदी की ओर से संघर्ष किया जाएगा।  

उधर खराब मौसम के चलते एक तो इस बार गेहूं की कटाई पहले ही देरी से शुरू हुई व ऊपर अब जब मंडियों में गेहूं की आमद शुरू हो गई तो किसानों को अपनी फसल की खरीद शुरू न होने के कारण मंडियों में परेशान होना पड़ रहा है। कुछ ऐसा ही हाल है गांव भुट्टीवाला के किसानों का, जहां पिछले 8 दिनों से गेहूं की कटाई शुरू होने के बाद दाना मंडी में गेहूं की फसल का अम्बार नजर आने लगा है परंतु अभी तक खरीद शुरू नहीं हुई। दाना मंडी में न कहीं बारदाना नजर आ रहा है व न ही तुलवाई, उठवाई का कोई प्रबंध है, जिस कारण किसानों को घरों में गेहूं लगाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। भले पंजाब सरकार व मंडीकरण बोर्ड द्वारा ग्रामीण दाना मंडियों में गेहूं की खरीद करने के लिए 1 अप्रैल से प्रबंध किए हुए थे परंतु खरीद न होने कारण अब जिस तरह दाना मंडियां गेहूं की ढेरियों से भरने लगी हैं, उससे सरकार का निकम्मापन साफ झलक रहा है।  

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