फीका पड़ रहा है स्वच्छ भारत मुहिम की लहर का प्रभाव

punjabkesari.in Saturday, Nov 17, 2018 - 12:44 PM (IST)

मुक्तसर साहिब (तनेजा): केंद्र और पंजाब सरकार ने वातावरण को साफ-सुथरा रखने के लिए स्वच्छ भारत मुहिम की शुरुआत की थी परंतु यह मुहिम वैसा रंग कहीं भी नहीं दिखा सकी, जैसा दिखना चाहिए था।इस मुहिम को आगे बढाऩे और समर्थन देने के लिए सबसे अधिक उपयोग प्रशासन के अधिकारियों ने सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले विद्यार्थियों का किया था। गांव-गांव में बच्चों से रैलियां निकलवाई गईं, नारे लगवाए गए, सैमीनार करवाए गए ताकि लोगों के अंदर साफ-सफाई रखने के लिए जागरूकता पैदा की जा सके। ‘पंजाब केसरी’ की ओर से इस संबंधी किए गए सर्वे के अनुसार कुछ गांवों के सरकारी स्कूल ऐसे हैं, जिनके मुख्य गेटों या दीवारों के साथ लोगों ने पाथियां थाप रखी हैं और रुडिय़ों के ढेर भी लगे पड़े हैं जो इन स्कूलों की सुंदरता को ग्रहण लगा रहे हैं।

कई स्कूलों के पास खड़ा है छप्पड़ों का गंदा पानी 
कई सरकारी स्कूलों के साथ छप्पड़ हैं और इन छप्पड़ों में गंदा पानी खड़ा है, जो वातावरण में जहर घोल रहा है। स्कूली बच्चों और अध्यापकों के लिए ऐसा माहौल खतरनाक है परंतु इसके बावजूद छप्पड़ों में खड़े पानी की तरफ किसी का भी ध्यान नहीं है और सब अपनी-अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे हैं। यदि देखा जाए तो जिन स्कूलों की दीवारों के साथ या नजदीक रुडिय़ों के ढेर लगे हैं या पाथियां थपी हैं, उन स्कूलों के बच्चों को बीमारियां लगने का भी खतरा बना हुआ है, क्योंकि ऐसे गंदे स्थानों पर मच्छर और मक्खियां आदि पैदा होती हैं।

शिक्षा विभाग इस तरफ दे ध्यान 
जो सरकारी स्कूल स्वच्छ भारत मुहिम से वंचित नजर आ रहे हैं, उनकी तरफ शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों को तुरंत ध्यान देना चाहिए। स्कूल के अध्यापकों की सहायता के साथ ऐसे स्कूलों की लिस्टें तैयार करके पंजाब सरकार को भेजी जाएं ताकि सरकार आगे संबंधित विभाग को हिदायतें जारी करके स्कूलों के नजदीक लगी रुडिय़ों व पाथियों को उठवा सके। गांवों की पंचायतों और बी.डी.पी. को भी इस काम को सफल बनाने के लिए शामिल किया जाए। 

क्या कहना है जिला शिक्षा अफसर का 
जिला शिक्षा अफसर मलकीत सिंह खोसा गोनियाना के साथ जब इस मसले संबंधी बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि सभी स्कूलों के आस-पास का क्षेत्र साफ-सुथरा होना चाहिए ताकि देखने वाले को भी सुंदर लगे। उन्होंने कहा कि पाथियां थापने व रुडिय़ों के ढेर लगाने वालों को भी चाहिए कि वह ऐसा न करें।

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