पंथक संगठनों के नेताओं ने लगवाई पुलिस की दौड़

punjabkesari.in Monday, Sep 17, 2018 - 11:27 AM (IST)

फरीदकोट (स.ह.) : शिरोमणि अकाली दल की पोल खोल रैली में विघ्न डालने हेतु पंथक संगठन सुबह ही फरीदकोट-कोटकपूरा रोड पर स्थित रैली स्थल से 7 किलोमीटर दूर माई गोदड़ी साहिब के नजदीक एकत्रित होने शुरू हुए तो पुलिस ने बैरीकेड लगाकर उनको रोक दिया तथा वहां भारी पुलिस बल तैनात कर दिया लेकिन उन्होंने इस नाके को तोड़कर शहर की तरफ भागना शुरू कर दिया किन्तु पुलिस ने उनको जौडिय़ां नहरों पर रोक लिया, जहां आई.जी. मुखविंदर सिंह छीना खुद पहुंच कर पुलिस का नेतृत्व करने लगे। इस दौरान पुलिस को पोल खोल रैली में विघ्न डालने जा रहे नेताओं को रोकने के लिए भारी मशक्कत करनी पड़ी। करीब 2 घंटे में पुलिस तथा संगठनों के बीच बहसबाजी चलती रही तथा अंत में बैरीकेड तोड़ कर संगठनों के सदस्य भागकर शहर में दाखिल हो गए। इस उपरांत उन्हें जुबली सिनेमा चौक में रोकने की कोशिश की गई परंतु पुलिस वहां भी नाकाम रही तथा नेताओं के साथ-साथ पुलिस कर्मी भी भागते रहे। पुलिस ने अंत में उनको कोतवाली चौक में बसें लगाकर रोक लिया जहां काफी समय कशमकश चलती रही।

इस मौके पर हल्की झड़प भी एक नौजवान की पुलिस के साथ हुई। थोड़ी जगह मिलने पर दर्जनों व्यक्ति यहां से निकल गए। कुछ अन्य रास्तों से होते हुए रैली स्थल के बहुत नजदीक सादिक चौक तक पहुंच गए जो रैली स्थल से मुश्किल से 500 मीटर था।अकाली दल की रैली का विरोध कर रहे पंथक संगठनों के नेता जसकरण सिंह काहन सिंह वाला, गुरदीप सिंह बठिडा, गुरसेवक सिंह भाना, बाबा हरदीप सिंह महाराज, बाबा प्रदीप सिंह चांदपुरा आदि ने कहा कि अकाली दल जानबूझ कर पंजाब का माहौल खराब करने के लिए रैलियां कर रहा है।
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एम्बुलैंस को भी अस्पताल जाने से रोका
फरीदकोट-कोटकपूरा रोड पर उस समय माहौल तनावपूर्ण बन गया जब एक बच्चे को उपचार के लिए एम्बुलैंस के जरिए फरीदकोट अस्पताल में दाखिल करवाने हेतु ले जाया जा रहा था कि पुलिस ने बैरीकेड खोलने से इन्कार कर दिया जिस पर उक्त संगठन भड़क गए तथा एम्बुलैंस को जाने देने की मांग करने लगे लेकिन पुलिस ने रास्ता खोलने से साफ इन्कार कर दिया। इस उपरांत देखते ही देखते पंथक संगठनों के सदस्यों ने बैरीकेड तोड़ दिया।

क्या कहते हैं पुलिस अधिकारी 
इस दौरान इंस्पैक्टर जनरल मुखविंदर सिंह छीना ने कहा कि फरीदकोट शहर में अमन व कानून को बहाल रखा गया है। उन्होंने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल तथा पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल को गांव बादल से फरीदकोट तक पूरे सुरक्षा घेर में ले जाया गया। यदि कोई प्रदर्शनकारी कानून को अपने हाथ में लेगा तो उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।  


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