फरीदकोट की शाही इमारतों में राष्ट्रीय पक्षी हुआ असुरक्षित

punjabkesari.in Monday, Dec 02, 2019 - 11:35 AM (IST)

फरीदकोट(हाली): फरीदकोट रियासत की एक सदी पुरानी इमारतों में रह रहे राष्ट्रीय पक्षी मोर सहित अन्य दुर्लभ पक्षी सुरक्षित नहीं हैं। गत करीब एक वर्ष में यहां के किला मुबारिक, राज महल, शाही समाधों में 25 मोर मर चुके हैं तथा इनकी मौत का कारण चाइनीज मांझा, आवारा कुत्ते व सदियों पुराने वृक्षों की लगातार कटाई को माना जा रहा है।

जिला अदालत जिसकी इमारत करीब सदी पुरानी है, में काफी मोर रह रहे थे। अदालती कॉम्पलैक्स में से कुदरती माहौल खत्म होने कारण ये मोर शाही समाधों में प्रवास कर गए थे, मगर शाही समाधों, राज महल व किले में चलते-फिरते मोर आसपास की आबादी में चले जाते हैं जो आवारा कुत्तों का शिकार हो जाते हैं। राज महल के सूत्रों के अनुसार यहां 60 के करीब मोर थे, जिनकी संख्या अब 28 रह गई है। राज महल के विशाल वृक्षों में चाइना डोर फंसी हुई है व मोर इन वृक्षों की डोर में फंसकर घायल हो जाते हैं जिनका बाद में इलाज नहीं करवाया जाता। राज महल के अधिकारियों ने चाइनीज मांझा को वृक्षों से उतारने के लिए विशेष मुहिम शुरू की थी।

शाही किले की ऊंची दीवारें फांदकर मोर आबादी में आ जाते हैं। बिजली की निचली तारों व नंगे जोड़ों कारण भी राष्ट्रीय पक्षी के मरने की अनेक घटनाएं घट चुकी हैं। इस समय शहर में 40 के करीब मोर हैं, मगर यह भी असुरक्षित स्थानों पर ही घूम रहे हैं। इस संबंधी रजिन्द्र दास रिन्कू ने बताया कि शाम के समय मोर असुरक्षित स्थानों पर टहलते हैं तथा इस प्रति जिला प्रशासन को भी सूचित किया गया है, मगर 6 महीने गुजरने के बाद भी मोरों की सुरक्षा के लिए कुछ नहीं हो सका है।

फरीदकोट के डिप्टी कमिश्नर मोहम्मद तैयब ने बताया कि राष्ट्रीय पक्षी की सुरक्षा के निर्देश जारी किए गए हैं। आवारा कुत्ते मोरों को अपना शिकार बनाते हैं, जिस पर सख्ती से काबू पाया जाएगा। वहीं पक्षियों की सुरक्षा के लिए चाइनीज मांझा पर भी पाबंदी लगाई गई है व राष्ट्रीय पक्षी की रिहायश वाले स्थान को सुरक्षित रखने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है।

Edited By

Sunita sarangal