गांव झबेलवाली में सेम के प्रभाव में आई 350 एकड़ जमीन के मालिक मजदूरी करने को मजबूर

punjabkesari.in Saturday, Dec 01, 2018 - 12:38 PM (IST)

मुक्तसर साहिब (दर्दी): जोड़ी नहरों के किनारे पर स्थित गांव झबेलवाली में 1000 एकड़ रकबा अभी भी सेम से प्रभावित है जिसमें से 350 एकड़ रकबा तो बिल्कुल जोतने लायक नहीं है, बाकी रकबे में किसी-किसी वर्ष ही फसलें उगाई जाती हैं।गांव वासी खेतीबाड़ी पर ही निर्भर हैं। सेम से प्रभावित होने पर लोगों ने सरकार से फरियाद की तो ड्रेनें निकालने का सिलसिला चालू हुआ। झबेलवाली ड्रेन इस गांव की सेम पर काबू पाने के लिए सबसे पहले निकाली गई थी। यह ड्रेन सही लाइन पर न निकलने के कारण पूरी तरह कामयाब नहीं हो सकी तो 3 और ङ्क्षलक ड्रेनें झबेलवाली ङ्क्षलक ड्रेन नंबर 1, 2, 3 बादल सरकार के समय निकाली थीं, परंतु ये ड्रेनें भी पूरी तरह कामयाब नहीं रहीं।

इस गांव का 350 एकड़ रकबा पूरी तरह सेम से प्रभावित है, जिसमें कोई फसल नहीं होती। इसमें सरकंडे काफी मात्रा में खड़े हैं जो किसी भाव नहीं बिकते, न ही पेपर मिल इसे खरीदती है। ड्रेनेज विभाग ने खारा, सरायनागा तथा कोटकपूरा इलाके के गांवों का पानी इस गांव झबेलवाली की ड्रेन के साथ जोड़ दिया है। बरसाती मौसम में डे्रनों का पानी ओवरफ्लो होने के कारण इस गांव के रकबे में फैल जाता है, जिसके चलते लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस रकबे का मुआवजा बादल सरकार ने 2000 रुपए प्रति एकड़ फि क्स किया था, लेकिन मुआवजे की यह राशि 3 से 4 साल में मिलती है।

गांव वासी राम नरायण जोशी, मथरा दास, धर्मपाल कामरेड, छज्जू राम, राम सरूप पटवारी, सुखदेव राम, बलराज सिंह, राजेन्द्रपाल, परमजीत, रामेश कुमार, नछत्तर सिंह, बाल कृष्ण ने सरकार से मांग की कि सरकार सेम प्रभावित 350 एकड़ रकबे को जमीदारों से खरीदकर इस जमीन पर कोई प्रोजैक्ट तैयार करे या इस रकबे का मुआवजा प्रत्येक 6 माह के बाद जमीदारों को अदा करे। उन्होंने कहा कि आय का अन्य कोई साधन न होने के कारण जमीदार मजदूरी करने के लिए मजबूर हैं।
 

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