मरीजों व उनके परिजनों के साथ की जा रही लूट, वसूली जा रही दोगुनी राशि

punjabkesari.in Tuesday, Sep 11, 2018 - 12:56 PM (IST)

फरीदकोट (हाली): बाबा फरीद मैडीकल यूनिवर्सिटी अधीन चल रहे गुरु गोङ्क्षबद सिंह मैडीकल कालेज व अस्पताल की पार्किंग एक साल के लिए ठेके पर दी गई है, जहां ठेकेदारों की तरफ से मरीजों व उनके परिजनों की सरेआम लूट की जा रही है। मैडीकल सुपरिंटैंडैंट और यूनिवर्सिटी अधिकारियों को लिखित शिकायत मिलने के बावजूद अभी तक आरोपी ठेकेदारों खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई।सूचना के अनुसार बाबा फरीद स्वास्थ्य विज्ञान यूनिवर्सिटी फरीदकोट अधीन चल रहे गुरु गोबिन्द सिंह मैडीकल की पार्किंग का ठेका 37 लाख रुपए में दिया गया है। ठेके की शर्तों मुताबिक ठेकेदार साइकिल पार्किंग के लिए सिर्फ 5 रुपए, जबकि मोटरसाइकिल 10 रुपए और कार, जीप आदि के 20 रुपए 24 घंटों के लिए ले सकता है, परंतु पार्किंग के ठेकेदारों द्वारा यहां आने वाले मरीजों व उनके परिजनों की मजबूरी का फायदा उठाया जा रहा है। मरीज या उसका परिजन जितनी बार अस्पताल आता है, उतनी बार उससे पैसे लिए जाते हैं।

ठेकेदारों की तरफ से मोटरसाइकिल के 10 रुपए की जगह 20 रुपए वसूले जा रहे हैं, जबकि कार के 20 की जगह 40 रुपए वसूल किए जा रहे हैं। यूनिवर्सिटी की हिदायतों के मुताबिक 24 घंटों में एक ही पर्ची काटी जा सकती है इसलिए बाकायदा तौर पर प्रात: 8 से लेकर अगले दिन 8 बजे का समय तय किया गया है, परंतु ठेकेदार यूनिवर्सिटी की हिदायतों को मानने के लिए तैयार नहीं है।अवतार सिंह निवासी सैदेके, सुबेग सिंह, प्रितपाल सिंह व विनोद कुमार ने कहा कि उन्होंने ठेकेदारों की इस धक्केशाही के खिलाफ यूनिवर्सिटी और मैडीकल सुपरिंटैंडैंट को लिखित शिकायतें दी हैं, परंतु ठेकेदारों के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। मरीजों ने यह भी कहा कि जो ठेकेदारों की मर्जी मुताबिक पर्ची नहीं कटवाता तो उसके साथ कथित तौर पर दुव्र्यवहार किया जाता है। 

ठेकेदारों की धक्केशाही का सबसे अधिक खामियाजा कैंसर के मरीजों को भुगतना पड़ रहा है, जिनको इलाज के लिए लंबे समय तक अस्पताल में रुकना पड़ता है। कैंसर के मरीजों व उनके परिजनों को रिहायश और खाने की नि:शुल्क सुविधाएं दे रहे गुरदित्त सिंह सेखों ने कहा कि यदि मरीजों की यह लूट तुरंत बंद न हुई तो वह यूनिवर्सिटी व ठेकेदारों के खिलाफ संघर्ष शुरू करने के लिए मजबूर होंगे।

क्या कहते हैं यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार
बाबा फरीद यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डा. अनुराग वर्मा ने कहा कि इस मामले की पड़ताल के लिए मैडीकल सुपरिंटैंडैंट को हिदायत दी गई है क्योंकि इन सभी प्रबंधों की
जिम्मेदारी मैडीकल उनकी है। पार्किंग के ठेकेदारों ने दावा किया कि वह यूनिवर्सिटी की हिदायतों के मुताबिक ही मरीजों व उनके परिजनोंं से पार्किंग के पैसे ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी मरीज के साथ दुव्र्यवहार नहीं किया जाता।
 

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