स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित गांवों की पंजाब सरकार नहीं ले रही सुध

punjabkesari.in Wednesday, Nov 07, 2018 - 11:24 AM (IST)

श्री मुक्तसर साहिब (तनेजा): समय-समय की सरकारें हमेशा ही ये दावे करती नहीं थकतीं कि ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को बढिय़ा और सस्ती स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही हैं परन्तु यह सत्य नहीं है क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र के लोग अभी भी स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित हैं। इसकी मिसाल मालवा क्षेत्र के चर्चित जिला श्री मुक्तसर साहिब के गांवों से मिलती है जहां अभी तक कई ऐसे गांव हैं जिनमें सरकारी अस्पताल या स्वास्थ्य डिस्पैंसरियां नहीं हैं। 


95 गांवों में नहीं हैं सरकारी स्वास्थ्य डिस्पैंसरियां
जिले के कुल 221 गांव हैं परन्तु इनमें से 95 गांव स्वास्थ्य डिस्पैंसरियों से वंचित हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले के 102 गांवों में सब-सैंटर चलाए जा रहे हैं जबकि जिला परिषद की ओर से 44 गांवों में हैल्थ सैंटर चलाए जा रहे हैं। जिले के कई गांवों में अस्पताल तो हैं परन्तु वहां कुछ स्थानों पर डाक्टरों की कमी है। अलग-अलग टैस्ट करने वाली मशीनें नहीं हैं या कम हैं और उनको चलाने वाले माहिर भी चाहिएं। पंजाब सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित पड़े सभी गांवों की सुध ले और वहां आधुनिक सुविधाओं वाले अस्पताल और डिस्पैंसरियां बनाई जाएं। 


क्षेत्र के 86 गांवों का सैंटर है चक्क शेरेवाला 
कम्युनिटी हैल्थ सैंटर चक्क शेरेवाला अधीन इस क्षेत्र के कुल 86 गांवों को जोड़ा गया है और इसका घेरा 35-40 किलोमीटर तक फैला हुआ है। यह सैंटर एक साइड पर लाकर बनाया गया है और गांव बहुत दूर पड़ते हैं। 


कैंसर जैसी भयानक बीमारियों का है जोर 
जिले में कैंसर और काले पीलिया जैसी खतरनाक बीमारियों का बहुत जोर है और हड्डियों के रोग और दिल के रोगों की बीमारियां बहुत ’यादा हैं और पहले ही इन बीमारियों के साथ हजारों व्यक्तियों की मौत हो चुकी है। ब्लड प्रैशर और हार्ट अटैक के अलावा शूगर आदि के मरीजों की संख्या भी बहुत ज्यादा है। 

कम्युनिटी हैल्थ सैंटर चक्क शेरेवाला में स्पैशलिस्ट डाक्टरों की कमी
गांव चक्क शेरेवाला में पंजाब सरकार की ओरसे ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को बेहतर और बढिय़ा स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर कम्युनिटी हैल्थ सैंटर (सी.एच.सी.) बनाया गया था परन्तु क्षेत्र के लोगों को जो सुख-सुविधाएं मिलनी चाहिए थीं वे मिल नहीं रही हैं। यहां पर स्पैशलिस्ट डाक्टरों की 6 पोस्टें खाली पड़ी हैं। डाक्टरों के रहने के लिए & और एस.एम.ओ. के रहने के लिए एक क्वार्टर है परन्तु इन क्वार्टरों में सिर्फ एक ही डाक्टर रहता है। अस्पताल में एक्स-रे मशीनें हैं, लैब है परन्तु लैब में 2 और मुलाजिमों की जरूरत है। इस सैंटर अधीन आते गांवों में जिला परिषद द्वारा रखे गए डाक्टरों की कुल 11 पोस्टें हैं परन्तु उनमें से भी & ही डाक्टर हैं और 8 पोस्टें खाली हैं। 

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