निर्भया कांड के दोषियों के नए डैथ वारंट जारी होने के बाद भी फांसी पर संशय बरकरार

punjabkesari.in Friday, Feb 21, 2020 - 10:56 AM (IST)

कोटकपूरा(नरिन्द्र): दिल्ली की पटियाला हाऊस कोर्ट की तरफ से निर्भया कांड के चारों दोषियों के लिए तीसरी बार डैथ वारंट जारी किए गए हैं, जिसको लेकर आम लोगों में भारी राहत पाई जा रही है।

लोगों को चाहे उम्मीद बंधी है कि अदालत की तरफ से चारों दोषियों को फांसी देने के लिए सुनिश्चित की गई 3 मार्च की तारीख अब आगे नहीं बढ़ेगी और उनको निर्धारित तारीख पर फांसी पर लटका दिया जाएगा परंतु अभी भी इसको लेकर लोगों के दिलों में कई तरह की शंकाएं पाई जा रही हैं। नए डैथ वारंट अनुसार चारों दोषियों को 3 मार्च को फांसी दी जानी है। दोषियों को सजा मिलने में हो रही देरी कारण महिलाओं समेत समाज के हर वर्ग में भारी निराशा पाई जा रही है परंतु नए वारंट वाले अहम फै सले के साथ लोगों ने काफी राहत महसूस की है। पंजाब केसरी के प्रतिनिधि की तरफ से हर क्षेत्र से संबंधित प्रगतिशील लोगों के साथ बातचीत की गई।

पेश हैं उनके विचार-
घृणित जुर्म करने वालों में पैदा होगा कानून का डर: शाम लाल मैंगी

इलाके के प्रसिद्ध समाज सेवी और हलवाई यूनियन के प्रधान शाम लाल मैंगी ने कहा कि नए डैथ वारंट जारी होने के साथ दोषियों को जल्द ही फांसी दिए जाने की उम्मीद बंधी है। खासकर महिलाओं से बलात्कार जैसे केसों के निपटारे के लिए फास्टट्रैक अदालतें बननी चाहिएं और कम से कम समय में लगातार सुनवाई करते हुए ऐसे केसों के फैसले होने चाहिएं। इन लोगों को फांसी पर लटकाने के साथ महिलाओं के खिलाफ ऐसे घृणित जुर्म करने वाले लोगों में कानून का डर पैदा होगा व सबक मिलेगा। 

बच्चियों के साथ दरिंदगी की घटनाओं में आएगी कमी: गुरमीत कौर गिल
इस संबंध में घरेलू गृहिणी गुरमीत कौर गिल सिरसड़ी ने कहा कि अदालत की तरफ से निर्भया कांड के दोषियों के नए डैथ वारंट जारी करने के साथ इन दरिंदों को जल्द ही फांसी पर लटकाए जाने की उम्मीद जगी है। फांसी पर लटकाए जाने के साथ महिलाओं और खासकर छोटी बच्चियों से दरिंदगी करने वाले लोगों के दिलों में डर पैदा होगा और आने वाले समय दौरान ऐसी घटनाओं में कमी आने की संभावना बन सकती है।

फांसी की तारीख बार-बार आगे नहीं पड़नी चाहिए: सुनीता गर्ग 
इलाके में समाज सेवा के क्षेत्र में हमेशा अग्रणी रहने वाली नगर काऊंसलर सुनीता गर्ग ने इस संबंध में कहा कि ऐसे दरिंदों को दुनिया में रहने का कोई हक नहीं है और जितनी जल्द हो सके इनको फांसी पर लटका देना चाहिए। उन्होंने माना कि कानून से बाहर कुछ भी नहीं किया जा सकता परंतु ऐसे अपराधियों की फांसी की तारीख बार-बार आगे बढ़ने से लोगों में निराशा बढ़ती है। उन्होंने कहा कि माननीय अदालत की तरफ से ऐसे अपराधियों को फांसी की सजा देने वाला फैसला काफी राहत वाला था और अब इनको फांसी पर लटकाने की तारीख आगे नहीं पड़नी चाहिए।

मामले में ढील नहीं होनी चाहिए: बलजीत सिंह खीवा
चिनाब ग्रुप ऑफ एजुकेशन के प्रबंधक बलजीत सिंह खीवा ने कहा कि चाहे माननीय अदालत की तरफ से दोषियों के नए डैथ वारंट जारी कर दिए गए हैं परंतु अभी भी असमंजस वाली स्थिति बनी हुई है। पहले भी कई तरह की कानूनी पेचदगियों कारण फांसी देने की तारीख टल चुकी है और अब भी ऐसा होने से इंकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि दोषियों की तरफ से निर्दोष बच्ची के साथ दरिंदगी की गई थी और इस मामले में इनके साथ कोई ढील नहीं होनी चाहिए तथा जितनी जल्द हो सके इनको फांसी पर लटका देना चाहिए।

Edited By

Sunita sarangal