पीली कुंगी से बचाव के लिए फसल का करते रहें सर्वेक्षण

punjabkesari.in Saturday, Feb 01, 2020 - 10:27 AM (IST)

श्री मुक्तसर साहिब(तनेजा,खुराना): जिला कृषि अधिकारी बलजिंद्र सिंह बराड़ ने किसानों को सुचेत किया कि वे गेहूं का पीली कुंगी से बचाव के लिए फसल का लगातार सर्वेक्षण करते रहें। उन्होंने बताया कि पीली कुंगी हिमाचल की पहाड़ी क्षेत्रों में बीजी जाने वाली गेहूं पर होती है। इस बीमारी के कण हवा के माध्यम से उड़कर दिसम्बर-जनवरी माह दौरान पंजाब के नीम पहाड़ी क्षेत्रों में बीजी गेहूं पर हमला कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि भले अभी तक जिला मुक्तसर में इसके हमले के आसार नहीं हैं परंतु किसानों को सुचेत रहने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि अगर तापमान 10 से 20 डिग्री व हवा में नमी 85 प्रतिशत से अधिक हो और बारिश होते समय तेज हवाएं चलती हैं तो इस रोग के फैलने की संभावना बढ़ जाती है। इस संबंधी जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि मौसम की मौजूदा हालत में गेहूं पर पीली कुंगी के फैलने की अधिक संभावना है। पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटियों की माहिरों के सर्वेक्षण के अनुसार अब तक पीली कुंगी रोपड़ जिले के (ब्लॉक आनंदपुर साहिब) डरौली, चंदेसर, चंदपुर बेला, हरियल, ब्रह्मपुर हेठला, अजौली, निकू नंगल, डुकली, पट्टी, होशियारपुर जिले के खानपुर, मक्खो माजरा, पठानकोट जिले के आसाबानो, गुरदासपुर जिले के बटोया व खानूवाल क्षेत्र में डब्ल्यू.एच. 711, एच.डी. 2967, एच.डी. 3086, बर्बट 291, चैंपियन व श्री राम 1734 आदि किस्मों पर देखने को मिली है।

आत्मा के प्रोजैक्ट डायरैक्टर करनजीत सिंह ने बताया कि विभाग की टीमें लगातार सर्वेक्षण कर रही हैं व इस बीमारी पर नजर रख रही हैं क्योंकि पीली कुंगी की बीमारी हवा के माध्यम से फैलती है। मौजूदा मौसमी हालातों को ध्यान में रखते उन्होंने बताया कि किसान पत्तों के पीलेपन को देखकर घबराएं न क्योंकि पीलापन अन्य कारणों से भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसे पत्तों को पकड़कर खींचने से उंगली पर पीला पाऊडर लगे तो यह पीली कुंगी हो सकती है, नहीं तो पत्तों के पीलेपन के अन्य कारण हैं।


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