ट्रैफिक नियमों की अनदेखी बन रही हादसों का कारण

punjabkesari.in Monday, Nov 11, 2019 - 11:58 AM (IST)

श्री मुक्तसर साहिब(तनेजा): पंजाब में चाहे मोटर व्हीकल एक्ट 2015 लागू है तथा इसके तहत यातायात नियमों का उल्लंघना करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। इसके बावजूद न तो कानून के रखवाले कानून की सही पालना करते हैं और न ही वाहन चालक, जिससे प्रतिदिन हादसे होते हैं।

ट्रैफिक नियमों की उल्लंघना में वाहन चालक के साथ-साथ हमारा प्रशासन भी जिम्मेदार है क्योंकि यदि कानून का डंडा सख्त हो तो गलती करने की किसी की हिम्मत नहीं होती, परन्तु यहां तो ट्रैफिक नियमों की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। बसें, ट्रकों, कारों, जीपों, टैम्पुओं, टैक्सियों आदि पर सामान व मंजूरशुदा सीटों के अतिरिक्त सवारियां बिठाना भी गैर-कानूनी है। वाहनों पर ले जाए जा रहे लोहे के सरिए व लकड़ी आदि बेहद नुक्सानदेह है तथा रात के समय तो ऐसे वाहन सड़कों पर और भी खतरनाक साबित होते हैं। कई बार पाइपों से लदे ओवरलोड ट्रक भी सड़कों पर दिखाई देते हैं।
PunjabKesari, traffic rules is not strict
इसके अलावा ज्यादा भारी वाहनों के कारण भी सड़कें टूटती हैं। सड़कों पर चल रहे ओवरलोड वाहनों के कारण प्रतिदिन हादसे घटते हैं और अब तक अनेक मौतें हो चुकी हैं। कई लोग घायल भी हुए हैं। इस अहम मामले को लेकर ‘पंजाब केसरी’ की तरफ से इस सप्ताह की यह विशेष रिपोर्ट तैयार की गई है।

हर साल 5 हजार के करीब लोगों की होती है मौत
राज्य भर में सड़क हादसों दौरान हर साल 5 हजार के करीब लोगों की मौत होती है और 20 हजार के लगभग लोग घायल होते हैं। इनमें से अनेक मौतें ओवरलोड वाहनों के कारण होती हैं। खानापूर्ति करने के लिए सरकार जनवरी के महीने हर साल सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाती है। स्कूलों, कॉलेजों में सैमीनार करवाए जाते हैं, परन्तु नतीजा जीरो ही रहता है।

सड़क किनारे वाहन रोकने वालों के खिलाफ हो कार्रवाई
जो वाहन चालक रात के समय सड़कों के किनारों पर अपने ट्रक या अन्य गाड़ियां रोक लेते हैं, उनके खिलाफ भी प्रशासन को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। ऐसे खड़े वाहनों से दूसरे वाहन टकरा जाते हैं और हादसा हो जाता है।
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प्रशासन निभाए अपनी जिम्मेदारी
आम लोगों का कहना है कि सिविल व पुलिस प्रशासन ओवरलोड वाहनों पर सख्ती नहीं कर रहा है तथा अपनी जिम्मेदारी से भाग रहा है। पुलिस वाले यूं तो स्कूटरों, मोटरसाइकिलों, कारों, जीपों वालों के चालान काट देते हैं, परन्तु ओवरलोड वाहनों वालों को क्यों नहीं रोका जाता।

ट्रॉलियों, रेहड़ियों आदि वाहनों पर लगाए जाएं रिफ्लैक्टर
सड़कों पर चलने वाली ट्रैक्टर-ट्रॉलियों, रेहड़ियों व अन्य वाहनों पर रिफ्लैक्टर लगाए जाएं। लकड़ी से भरी ट्रॉलियों के कारण भी ऐसे मौसम में हादसे बढ़ते हैं, जबकि इन पर कोई ध्यान नहीं दे रहा।

आंखों की नजर कम होने से भी घटते हैं हादसे
यह बात भी देखने में आई है कि आजकल बहुत-से लोगों की नजर कम हो चुकी है तथा ऐनकें लगी हुई हैं। ऐनकों के बिना उनको पूरी तरह दिखाई नहीं देता। ऐसे व्यक्तियों को वाहन चलाना कठिन होता है और कई बार हादसा घट जाता है।
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टूटी सड़कों की दशा सुधारी जाए
प्रशासन को जो सड़कें टूटी हैं या जिनमें बड़े गड्ढे पड़े हैं, उनको ठीक करवाना चाहिए। जब धुंध पड़ती है तो ऐसी सड़कें हादसों का कारण बनती हैं।

बड़ी लाइटों का हो प्रबंध
संबंधित विभाग को इन दिनों सड़कों पर कुछ विशेष स्थानों खासकर खतरनाक मोड़ आदि पर बड़ी लाइटें लगाने का प्रबंध करना चाहिए ताकि ये लाइटें ड्राइवरों के लिए सहायक हो सकें।

आवारा पशुओं से मिले छुटकारा
सड़कों पर आवारा पशुओं की भरमार है, जिनके कारण अब तक अनेक हादसे घट चुके हैं। वाहन चालकों के लिए ये पशु और भी खतरनाक बन जाते हैं। प्रशासनिक अधिकारियों को इस तरफ ध्यान देने की जरूरत है।
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नशा करके वाहन न चलाएं
सड़कों पर वाहन चलाते समय कोई नशा नहीं करना चाहिए क्योंकि नशा करके वाहन चलाना खतरे से खाली नहीं है। वाहन पूरी तरह सुचेत होकर चलाना चाहिए।

पुलों पर ग्रीलें लगाने की जरूरत
जिन सड़कों पर नहरें, सेमनाले, रजबाहे व कस्सियां आदि के संकरे पुल आते हैं, उन पर लोहे की ग्रीलें लगाई जाएं क्योंकि ऐसे स्थानों पर कुछ दिखाई न देने कारण वाहन पुल से नीचे गिर जाते हैं।
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सड़कों पर लगाई जाए चमकने वाली पट्टी
यदि सभी सड़कों पर सड़क विभाग चमकने वाली पट्टी लगाए तो हादसों की संख्या कम हो सकती है क्योंकि वाहन चलाने वाले ड्राइवरों को यह सफेद पट्टी दिखाई देती रहती है। खासकर जिन सड़कों पर खतरनाक मोड़ आते हैं, वहां तो यह पट्टी लगानी बेहद जरूरी है।


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Edited By

Sunita sarangal

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