अनेक कमियों व सुविधाओं से वंचित गांव गंधड़

punjabkesari.in Tuesday, Nov 06, 2018 - 11:42 AM (IST)

मुक्तसर साहिब (तनेजा): चाहे समय की सरकारें ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को शहरों जैसी सुविधाएं देने की बातें करती हैं परन्तु आजादी के 7 दशक बीत जाने के बावजूद भी कई गांवों की स्थिति जस की तस है और इन गांवों के लोग अपने सहारे ही जिंदगी व्यतीत कर रहे हैं। गांव गंधड़ बहुत सी कमियों का शिकार है। इलाज के लिए यहां पर अभी तक सरकारी डिस्पैंसरी नहीं है और लोग गांवों से बाहर ही दवा लेने जाते हैं। इसी तरह सरकारी पशु अस्पताल भी नहीं है। गांव में डाक घर भी नहीं है। फसलों के लिए नहरी पानी की कमी है। गांव का जो बस स्टैंड है, उसकी हालत बद से बदतर बनी हुई है। गांव की कुछ गलियों अभी कच्ची पड़ीं हैं  जिनको पक्का करने की जरूरत है। कम्युनिटी सैंटर की इमारत का रुका पड़ा है कार्य गांव में छप्पड़ के पास कम्युनिटी सैंटर बनाने का कार्य शुरू किया गया था और इस पर 15 लाख रुपए का खर्चा आना था परन्तु इस सैंटर का काम बीच में ही रुक गया और अधूरा पड़ा है। काम दोबारा शुरू नहीं हो सका है। 

गांव को जाने वाली बस के और फेरे बढ़ाए जाएं
गांव गंधड़ यातायात की सुविधा से वंचित है और पिछले लंबे समय से इस गांव को कोई बस सेवा की सुविधा नहीं थी जिस कारण समूचे गांव वासी आने-जाने से परेशान हैं। अब सुबह 9 बजे बस का एक बार श्री मुक्तसर साहिब को जाती है और शाम को 4 बजे वापस आती है। लोगों ने मांग की कि इस गांव को बसों के और फेरे बढ़ाए जाएं। 

बंद पड़ा है आर.ओ. सिस्टम
जिला प्रशासन की ओर से लोगों को एक तरफ साफ-सुथरा पानी पीने के लिए कहा जाता है परन्तु दूसरी तरफ गांव गंधड़ का आर.ओ. सिस्टम बंद पड़ा है और गांव में भूमिगत पानी भी पीने योग्य नहीं है जिस कारण गंदा पानी पीने से लोगों को बहुत-सी भयानक बीमारियां लग रही हैं। 

कई बच्चे पढ़ाई से वंचित 
गांव में सिर्फ 8वीं क्लास तक ही सरकारी स्कूल चल रहा है और इससे अगली क्लासों में पढऩे के लिए बच्चों को दूसरे गांवों में जाना पड़ता है। कई बच्चे पढ़ाई से वंचित रह जाते हैं।

bharti