3 पंचायतें होने के बावजूद अनेक समस्याओं से घिरा गांव रोड़ीकपूरा

punjabkesari.in Tuesday, Sep 17, 2019 - 10:09 AM (IST)

जैतो(वीरपाल/ गुरमीत): जिला फरीदकोट के 7 हजार के करीब आबादी वाले गांव रोड़ीकपूरा को बेशक 3 पंचायतों में बांट दिया गया है लेकिन इसके बावजूद यह अनेक समस्याओं में घिरा हुआ है। गांव गुलाबगढ़ के सरपंच धरमिन्द्र सिंह का कहना है कि गांव में लगे आर.ओ. सिस्टम का कई महीनों से बिजली का बिल न भरने के कारण कनैक्शन कटा हुआ है, जिसके चलते गांववासी पिछले कई महीनों से पेयजल को तरस रहे हैं। गांव के लोगों के लिए पेयजल के लिए आर.ओ. प्लांट न होने कारण कई बार बच्चों व महिलाओं को दूसरे गांव रोड़ीकपूरा में लगे प्लांट से पानी लेकर आना पड़ता है, जो एक बड़ी समस्या है।  

गांव नया रोड़ीकपूरा की सरपंच बीबी करमजीत कौर का कहना है कि गांव की आबादी में बने गोदामों के अनाज में विभाग की लापरवाही कारण हर साल सुसरी पड़ जाती है, जिस कारण लोगों को घरों में खाना बनाने और रात को सोते समय बहुत बड़ी समस्या आती है। इसके हल की तरफ प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है और हर साल गांव वासियों को प्रशासन विरुद्ध धरना देना पड़ता है। 

गांव रोड़ीकपूरा की सरपंच बीबी कुलदीप कौर बराड़ का कहना है कि गांव की चारों तरफ की सड़कें टूटी हैं और तीनों गांवों के सांझे छप्पड़ के पानी के निकास का कोई प्रबंध नहीं है और न ही इसके लिए सरकारी ग्रांट ली जा सकती है, जिस कारण लोगों के घरों के सीवरेज का पानी सड़कों-गलियों में आ जाता है। बारिश और गलियों-नलियों के पानी कारण छप्पड़ में बहुत ज्यादा पानी इकट्ठा हो जाता है, जिस कारण आसपास के रास्ते बंद हो जाते हैं और लोगों को गुजरना कठिन हो जाता है। छप्पड़ के पानी का निकास न होने के कारण उसमें से बदबू आती है, जिससे बीमारियां फैलने का खतरा रहता है।

‘तीनों पंचायतों को एक करोड़ से अधिक की सरकारी ग्रांटें आ चुकी हैं’
नौजवान भारत सभा के नेता गुरप्रीत सिंह का कहना कि गांव रोड़ीकपूरा, नया रोड़ीकपूरा और गुलाबगढ़ तीनों पंचायतों को एक करोड़ रुपए से अधिक की सरकारी ग्रांटें आ चुकी हैं। उसका प्रयोग सही न होने के कारण गांव की कई गलियों को 3-3 बार उखाड़ कर दोबारा बनवाया गया। गांव रोड़ीकपूरा की पंचायत ने फिरनी पर गांव के लोगों के लाखों रुपए खराब कर दिए। फिरनी का नाला और ईंटें फड़ लैवल में न होने के कारण फड़ को उखाड़ना पड़ा, जिस कारण उसे अब तक नहीं बनाया जा सका और लोग ईंटें उठा ले गए। गांव के विकास कार्यों पर सरकार की तरफ से खर्च किए पैसे दिखाई नहीं दे रहे।

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Sunita sarangal