एक और महिला हुई बेसहारा पशु के हमले का शिकार, बाजू टूटी

punjabkesari.in Wednesday, Oct 17, 2018 - 02:10 PM (IST)

मुक्तसर साहिब (तनेजा, खुराना): ऐतिहासिक शहर श्री मुक्तसर साहिब की गलियों व सड़कों में झुंड बनाकर घूमते बेसहारा पशु लोगों की जान के लिए मुसीबत बनते जा रहे हैं। गत दिवस प्रशासन ने समाजसेवी संस्थाओं के सहयोग से पशु उठाने की मुहिम शुरू की तोलोगों में इसके प्रति काफी खुशी देखने को मिली, परंतु एक सप्ताह पशु उठाने के बाद कुछ लोगों द्वारा इस मुहिम को रुकवा दिया गया और कहा गया कि गौशाला में प्रबंध नहीं हैं, जिससे गलियों व बाजारों में बेसहारा पशु उठाकर ले जाने का कार्य वहीं रुक गया, इसके परिणामस्वरूप एक महिला को बेसहारा सांड ने उठाकर मारा और उसकी बाजू टूट गई और लोगों ने उसे उठाकर तुरंत एक प्राइवेट अस्पताल में दाखिल करवाया और इस गरीब महिला के आप्रेशन पर 50 हजार रुपए लग गए। इन पशुओं को शहर में रत्ता टिब्बा गौशाला ले जाने के लिए प्रशासन द्वारा फरीदकोट जिले से स्पैशल एक रिकवरी वैन मंगवाई गई ताकि पशुओं को आसानी से उठाकर ट्रकों में लोड किया जा सके। शाम के समय सड़कों पर सैर करने वाले शहर के बुजुर्ग इनके डर से घर से निकलना बंद हो गए हैं। 

एक बुजुर्ग से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अगर किसी सांड ने हमला कर दिया तो उससेतो भागा भी नहीं जाएगा। उसने प्रशासन से अपील की है कि इन पशुओं को यहां से ले जाकर गौशाला भेजा जाए, क्योंकि सड़क व्यक्तियों के लिए बनी है न किपशुओं के लडऩे के लिए। उल्लेखनीय है कि गत वर्ष जिला प्रशासन द्वारा यह मुहिम शुरू की गई तो 220 से अधिक पशुओं को सड़कों से उठाकर गौशाला भेजा गया व शहर काफी हद तक खाली हो गया था। शहर वासियों ने जिले के डी.सी. को अपील की कि इन पशुओं को जल्द शहर से बाहर किया जाए। 

क्या कहते हैं समाजसेवी संस्थाओं के चेयरमैन
इस संबंधी समाजसेवी संस्थाओं के चेयरमैन डा. नरेश परुथी ने कहा कि यह प्रोजैक्ट जिला प्रशासन द्वारा 10 दिन पहले शुरू किया गया था। मलोट, गिद्दड़बाहा, मुक्तसर की समाज सेवी संस्थाओं ने इस प्रोजैक्ट में जिला प्रशासन का पूरा सहयोग किया था। कुछ कारणों के चलते इस प्रोजैक्ट को रोक दिया गया। उन्होंने जिला प्रशासन से मांग की है कि इस प्रोजैक्ट को दोबारा शुरू कर दिया जाए।

क्या कहा जख्मी महिला के पति ने
जब सांडों के हमले का शिकार हुई महिला सरोज रानी के पति से बात की गई तो उसने कहा कि वह एक साधारण दुकान चलाने वाला व्यक्ति है। उसने बड़ी मुश्किल से पैसों का प्रबंध करके अपनी पत्नी का ऑप्रेशन करवाया है। वह जिला प्रशासन को अपील करते हैं कि इन पशुओं को जल्द शहर में से निकाला जाए व रैड क्रॉस के माध्यम से उसकी सहायता की जाए।  

 क्या कहते हैं जिला सड़क सुरक्षा कौंसिल के सदस्य
इस संबंधी जिला सड़क सुरक्षा कौंसिल के सदस्य जसप्रीत सिंह ने कहा कि रात्रि के समय सड़क हादसों का कारण यह बेसहारा पशु बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि काले व भूरे रंग के पशु रात्रि के समय सड़कों पर नहीं दिखते, जिस कारण बड़े हादसे हो रहे हैं। उन्होंने जिला प्रशासन को इनका हल करने के लिए अपील की।


 

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