तहबाजारी ने तोड़ी विज्ञापन माफिया की सैटिंग

punjabkesari.in Tuesday, Oct 09, 2018 - 11:44 AM (IST)

जालंधर: नगर निगम की विज्ञापन शाखा और शहर कीचंद एडवर्टाइजमैंट कम्पनियों के बीच पिछले कई सालों से अचूक सैटिंग चल रही है जिसके बल पर शहर में हर जगह हजारों की संख्या में अवैध विज्ञापन लगे हुए हैं।

इन अवैध विज्ञापनों पर कार्रवाई के नाम पर अभी तक मात्र खानापूर्ति ही होती आई है। कमिश्नर लैवल के अधिकारियों के निर्देशों के बावजूद निगम की विज्ञापन शाखा के कर्मचारी महीने में एकाध बार ही कार्रवाई करते हैं और वह कार्रवाई भी खानापूर्ति  हेतु की जाती है क्योंकि जो अवैध बोर्ड उतारे जाते हैं उन्हें वापस उन्हीं संस्थानों को दे दिया जाता है। निगम कमिश्नर दीपर्व लाकड़ा ने आज अत्यंत चालाकी से काम लेते हुए तहबाजारी विभाग के माध्यम से विज्ञापन माफिया और निगमाधिकारियों की सैटिंग को तोडऩे का प्रयास किया। उन्होंने तहबाजारी सुपरिंटैंडैंट मनदीप सिंह को अवैध विज्ञापन हटाने को कहा। मनदीप सिंह मिट्ठू ने पहले चरण में मॉडल टाऊन क्षेत्र में कार्रवाई की जिस दौरान सैंकड़ों की संख्या में लगे अवैध विज्ञापन उतार लिए गए, जिन्हें 4 ट्रकों में भरकर निगम लाया गया। अब सवाल यह खड़ा होता है कि अगर निगम में विज्ञापन शाखा काम कर रही है तो शहर में हजारों की संख्या में लगे अवैध विज्ञापन हटाए क्यों नहीं जा रहे? 

आइलैट्स और सैलून की सैटिंग सबसे ज्यादा 
वैसे तो कई कम्पनियों ने निगमाधिकारियों से मंथली सैटिंग कर रखी है परंतु सबसे ज्यादा नाम आइलैट्स करवाने वाले तथा विदेश भेजने वाले संस्थानों तथा सैलून वालों के सामने आ रहे हैं। आज मॉडल टाऊन क्षेत्र में जो अवैध विज्ञापन हटाए गए उनमें भी ज्यादा संख्या आइलैट्स संस्थानों व सैलून से संबंधित थी।

गढ़ा रोड पर काफी एक्टिव है माफिया 
विज्ञापन माफिया और निगमाधिकारियों की सैटिंग के सबसे पसंदीदा क्षेत्र गढ़ा रोड, बस स्टैंड व पिम्स के क्षेत्र हैं। जहां इस समय भी हजारों की संख्या में अवैध विज्ञापन लगे हुए हैं। इस क्षेत्र में इमीग्रेशन कम्पनियों, आइलैट्स संस्थानों की संख्या काफी ’यादा है। किंग्स होटल के आसपास ही 100 के करीब विज्ञापन लगे हुए हैं जबकि पिम्स के निकट ताज मार्कीट में भी अवैध विज्ञापनों की संख्या कहीं ’यादा है। माना जा रहा है कि निगम का यह अभियान अभी कुछ दिन और जारी रहेगा। 

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