22 कि.मी. प्रति घंटे की रफ्तार से चली धूल भरी आंधी

punjabkesari.in Saturday, Jun 16, 2018 - 11:37 AM (IST)

जलालाबाद(गोयल): पिछले कुछ दिनों से आसमान में ऐसा धूल का गुबार बना हुआ है कि हर जगह मिट्टी ही मिट्टी हो रही है, जिससे प्रत्येक व्यक्ति को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यह धूल का गुबार खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है।  अगर मौसम विज्ञानियों की मानें तो ऐसी अवस्था आने वाले दिनों में भी बनी रहेगी। आने वाले दो-तीन दिनों तक मौसम साफ होने की कोई संभावना दिख नहीं रही। अगर वास्तव में ही आगामी कुछ दिनों के लिए ऐसा प्रदूषित मौसम रहता है तो बीमारियों को बढ़ावा मिल सकता है। फाजिल्का जिले व निकट के क्षेत्र में शुक्रवार को भी दिनभर धूल का गुब्बार छाए रहने से हवा में प्रदूषित तत्वों की मात्रा भी खतरनाक स्तर से बहुत ज्यादा रही। वहीं गर्मी के कारण अधिकतम तापमान 42 डिग्री रहा। 22 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चली धूल भरी आंधी ने जनजीवन को पूरी तरह प्रभावित किए रखा। हवा में प्रदूषण का स्तर 700 एयर क्वालिटी इंडक्स के पार पहुंच गया।  

आंखों के रोगियों में वृद्धि
इस धूल भरी हवा से सबसे अधिक नुक्सान आंखों को हो रहा है। यह धूल आंखों में प्रवेश कर जाती है जिससे नेत्रों में जलन शुरू हो जाती है। ऐसे में डाक्टरों के पास आंखों में जलने के मामले पिछले दिनों के मुकाबले अधिक पहुंच रहे हैं। चिकित्सों के अनुसार लोगों को सांस व खांसी की दिक्कत हो सकती हैं।  

ऑबारिश की दुआ कीजिए
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार बारिश आने से मौसम के जल्द ही साफ होने की संभावना जताई है। विशेषज्ञों के अनुसार बारिश के कारण धूल भरे कण गीले होकर नीचे बैठ जाएंगे और मौसम साफ हो जाएगा। ऐसे में अब लोगों को इंद्र देवता से गर्मी कम करने के साथ-साथ धूल भरे हवा के गुब्बार को कम करने के लिए बारिश की दुआ करनी चाहिए। 

सावधानी ही बचाव
-धूलभरा मौसम बुजुर्गों व बच्चों के लिए नुक्सानदायक है। इस दौरान पूरी तरह संभलकर रहें। 
-घर से बाहर निकलते समय आंखों पर चश्मा लगाएं। 
-मुंह व नाक पर कपड़ा ढक कर रखें ताकि सांस के साथ धूल अंदर न जाएं। 
- घर की खिड़की व दरवाजे बंद करके रखें।
-डाक्टरों की मानें तो धूल से ब‘चों और दमा के रोगियों को बचाकर रखना चाहिए।  

Vatika