आजादी के 72 साल बाद भी स्वास्थ्य सहूलियतों को तरस रहे फिरोजपुर के सीमावर्ती क्षेत्र

punjabkesari.in Monday, Jan 13, 2020 - 05:36 PM (IST)

फिरोजपुर(कुमार): विश्व प्रसिद्ध शहीदी स्मारक हुसैनीवाला के साथ लगते सीमावर्ती क्षेत्र के 14 गांव हिंद-पाक सीमा के बिल्कुल नजदीक हैं। उनको जहां सतलुज दरिया के बढ़ते पानी के खतरे और सरहद पर तनाव के कारण अनेक मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। इन 14 गांवों के हजारों लोग उच्च स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित हैं। इस सीमावर्ती क्षेत्र के गांवों गट्टी हजारा, भक्खड़ा, गट्टी राजोकी, गट्टी रहीमेके, चांदी वाला, टैंडीवाला, भाने वाला, कमाले वाला, खुंदड़ गट्टी आदि में एक भी योग्य डाक्टर मौजूद नहीं है और न ही सरकार की तरफ से कोई अस्पताल या डिस्पैंसरी खोलने का प्रयास किया गया है। 

गर्भवती महिलाओं को डिलीवरी के समय करना पड़ता है भारी दिक्कतों का सामना
सतलुज दरिया का प्रदूषित पानी होने के कारण यहां हैपेटाइटिस, हड्डियों के रोग, चमड़ी के रोग और सांस के रोगों से पीड़ित लोग बड़ी मात्रा में इस क्षेत्र में रहते हैं, क्योंकि पाकिस्तान के शहर कसूर के चमड़ा उद्योग का कैमिकल युक्त प्रदूषित पानी इस सीमावर्ती इलाके में सतलुज दरिया में बहकर आ जाता है जो क्षेत्र के लोगों की सेहत को बुरी तरह प्रभावित कर रहा है परंतु सरकार की तरफ से स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर कोई भी प्रयास नहीं किए जाने कारण ये लोग मैडीकल स्टोरों, झोलाछाप डाक्टरों या  बाबाओं की शरण में पहुंचकर आॢथक लूट का शिकार हो रहे हैं, वहीं अपनी सेहत के साथ भी खिलवाड़ करवाने को मजबूर हैं। सीमावर्ती क्षेत्र में यातायात के साधनों की भारी कमी होने के कारण एमरजैंसी में मरीज को 18 किलोमीटर दूर शहर लेकर जाना बेहद मुश्किल होता है। अनेक बारी गर्भवती महिलाओं को डिलीवरी समय भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। सरकार को इस इलाके में एक डाक्टर पक्के तौर पर तैनात करना चाहिए। 

कैप्टन सरकार कर रही युद्ध स्तर पर कार्य : परमिंदर सिंह पिंकी
फिरोजपुर शहरी विधानसभा हलके के विधायक परमिंदर सिंह पिंकी ने पंजाब सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि कैप्टन सरकार द्वारा फिरोजपुर के उक्त गांवों के सर्वपक्षीय विकास, लोगों की जरूरतों को पूरा करने और उनको आधुनिक मैडीकल सहूलियतें प्रदान करने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य करते हुए विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि फिरोजपुर के इन सीमावर्ती गांवों में तेजी से सड़कें बनाई जा रही हैं और बड़े स्तर पर आर.ओ. लगाकर लोगों को शुद्ध पानी मुहैया करवाया जा रहा है। विधायक ने बताया कि उन्होंने सीमावर्ती गांवों के लोगों की सुविधा के लिए बेड़े बनवाकर दिए हैं और सरकारी डिस्पैंसरियों में पक्के तौर पर डाक्टर और स्टाफ तैनात करने और एमरजैंसी दवाएं उपलब्ध करवाने के लिए स्वास्थ्य विभाग पंजाब के सैक्रेटरी को लिखकर भेजा गया है। उन्होंने कहा कि यह बात सत्य है कि बादल सरकार ने 10 सालों के शासनकाल में कभी भी इन गांवों के लोगों की मुश्किलें और जरूरतों की तरफ ध्यान नहीं दिया। उन्होंने कहा कि पंजाब में कैप्टन सरकार के सत्ता में आते ही उन्होंने खुद इन गांवों के लोगों की जरूरतों और मुश्किलों संबंधी पंजाब के मुख्यमंत्री को लिखित रिपोर्ट दी और पंजाब सरकार से वह लगातार इन गांवों के सर्वपक्षीय विकास के लिए ग्रांट लेकर आ रहे हैं। 

14 गांवों के लिए गांव गट्टी राजोकीमें एक डिस्पैंसरी
मौजूदा समय में इन 14 गांवों के लिए जीरो लाइन के नजदीक स्थित गांव गट्टी राजोकीमें एक डिस्पैंसरी मौजूद है परंतु उसकी हालत खुद दयनीय है। वहां उपस्थित एकमात्र फार्मासिस्ट के पास न तो कोई दवा है, न ही कोई अन्य सुविधा। वहां तैनात डाक्टर जिसके पास अतिरिक्त चार्ज है उसके लिए रोजाना यहां पहुंचना मुमकिन नहीं है जिसका खमियाजा मरीजों को भुगतना पड़ता है। इन गांवों की आर्थिक स्थित बुरी होने के कारण प्राइवेट डाक्टर भी यहां प्रैक्टिस नहीं करता।  

सीमावर्ती गांवों के पानी की सैंपलिंग करवा दरिया प्रदूषण मुक्त किया जाए : नरेश त्रेहन
फिरोजपुर शहर के सीनियर सिटीजन एन.जी.ओ. के सेवामुक्त एम.ई.एस. अधिकारी नरेश त्रेहन ने सरकार से मांग की कि फिरोजपुर भारत-पाक बॉर्डर पर सतलुज दरिया के पास बसे इन गांवों के पेयजल की सैंपङ्क्षलग करवा लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध करवाया जाए और दरिया के प्रदूषित हो रहे पानी को शुद्ध करने के लिए उचित कदम उठाए जाएं। इसके साथ ही पाक सरकार को चमड़ा फैक्टरियों का पानी सतलुज दरिया में बहाने से रोकने के लिए उच्च स्तरीय बैठक की जाए और सख्ती से पत्र लिखा जाए। 
 

Vijay