केंद्रीय जेल में जमीन उगल रही है या आसमान फैंक रहा है मोबाइल फोन

punjabkesari.in Thursday, Jan 16, 2020 - 02:49 PM (IST)

फिरोजपुर(मल्होत्रा): पंजाब की तमाम जेलों में पिछले लंबे समय से चरम सीमा पर पहुंच चुकी असामाजिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने के साथ मोबाइल जैमर लगाने की तमाम घोषणाएं मात्र कागजी बयान साबित हो रही हैं। अंतर्राष्ट्रीय हिन्द-पाक सीमा पर अंग्रेजों द्वारा बनाई गई केन्द्रीय जेल फिरोजपुर के हालात यह हैं कि आए दिन कैदियों और हवालातियों से मिल रहे मोबाइल फोन इस बात की ओर सीधा इशारा करते हैं कि जेल प्रशासन के कुछ कर्मचारी और अधिकारी या तो खुद मोबाइल जेल के अंदर पहुंचाने के लिए सरगर्म हैं या फिर जेल प्रशासन इन असामाजिक तत्वों के सामने नाकाम साबित हो गया है। पिछले डेढ़ महीने में 24 मोबाइल फोन मिलने से अब यह साबित हो गया है कि फिरोजपुर की केन्द्रीय जेल आए दिन मोबाइल उगल रही है। इतना ही नहीं अगर एक साल का आंकड़ा निकाला जाए तो सैंकड़ों कीमती मोबाइल जेल प्रशासन बरामद करके थाना सिटी पुलिस के हवाले कर चुका है। जेल से बरामद वे सैंकड़ों फोन कहां हैं, इसका अभी तक किसी के पास जवाब नहीं है।

नशीले पदार्थ भी धड़ल्ले से पहुंच रहे अंदर
सिर्फ मोबाइल फोन ही नहीं बल्कि तंबाकू की पुडिय़ों से लेकर हैरोइन तक नशीले पदार्थ जेल के भीतर धड़ल्ले से पहुंच रहे हैं। डेढ़ माह के अंतराल दौरान जेल प्रशासन तलाशी दौरान 39 ग्राम अफीम, 10 ग्राम हैरोइन एवं जर्दे, तंबाकू की कई पुडिय़ों के अलावा नशे की गोलियां तक बरामद कर चुका है।
 

7 मोबाइल फोन बरामद, हवालातियों पर केस दर्ज
मंगलवार को जेल प्रशासन ने सर्च ऑप्रेशन दौरान एक बार फिर 7 मोबाइल फोन बरामद कर 3 हवालातियों पर केस दर्ज करवाया है जबकि 4 मोबाइल जेल के भीतर लावारिस पड़े लिफाफे से मिलने का दावा किया गया है। थाना सिटी पुलिस को भेजी शिकायत में सहायक सुपरिंटैंडैंट सुखवंत सिंह ने बताया कि मंगलवार रूटीन तलाशी दौरान हवालाती जोरा उर्फ घोदी निवासी खाई फेमेकी, हवालाती गुरमीत सिंह निवासी गांव फत्तूवाला और शिंदरपाल गांव कालूवाला से 3 मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं जबकि जेल की दीवार के साथ पड़े लावारिस लिफाफे से 4 और मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं। थाना सिटी के ए.एस.आई. हरनेक सिंह ने बताया कि उक्त तीनों बंदियों के साथ-साथ अज्ञात लोगों के खिलाफ जेल एक्ट तहत पर्चा दर्ज कर लिया गया है। थाना सिटी पुलिस ने इस बरामदगी संबंधी भी हर बार की तरह मामला दर्ज कर खानापूर्ति पूरी कर ली है। यह कीमती मोबाइल फोन कहां जाएंगे। इस बारे जेल के किसी आलाधिकारी के साथ-साथ पुलिस का कोई अधिकारी जवाब देने की स्थिति में नहीं है।  

सरमाएदार व तगड़े कैदियों से कभी बरामद नहीं होते मोबाइल फोन
असामाजिक तत्वों, मोबाइल एवं नशे के चलन पर कार्रवाई करने के नाम पर पिछले लंबे समय से जेल प्रशासन अधिकतर सिर्फ उन्हीं कैदियों एवं हवालातियों को टार्गेट करता है जिनकी कोई पहुंच नहीं होती जबकि जेल में बंद किसी सरमाएदार और तगड़े कैदियों से कभी मोबाइल फोन या नशीले पदार्थ बरामद नहीं हुए। सूत्र बताते हैं कि राजनीतिक अथवा पैसे की पहुंच रखने वाले कैदियों एवं हवालातियों को जेल के भीतर सभी सुविधाएं उपलब्ध करवा दी जाती हैं और जब भी जेल में किसी अधिकारी, जज अथवा किसी अन्य वी.आई.पी. की चैकिंग होती है तो इन असर रसूख रखने वाले कैदियों को पहले ही सूचित कर इन्हें सेफ कर दिया जाता है ताकि जेल प्रशासन शाबाशी बटोर सके।
 

20 दिन पहले ही पोर्टेबल जैमर लगाने का दावा करके गए थे जेल मंत्री
27 दिसम्बर को फिरोजपुर दौरे पर आए राज्य के जेल मंत्री सुखजिन्द्र सिंह रंधावा पंजाब की जेलों में बढ़ रही मोबाइल रिकवरी की घटनाओं पर सरकार का पक्ष देते हुए यह दावा करके गए थे कि जल्द जेलों में सिम लॉक, मोबाइल डिवाइस लोकेटर, पोर्टेबल जैमर लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा था कि जेल विभाग जेलों की सुरक्षा के लिए पूरी तरह मुस्तैद है और अब जेलों की स्थिति में पहले से काफी सुधार आ चुका है। जेलों की सुरक्षा को लेकर सी.आर.पी.एफ. के साथ मिलकर ज्वाइंट ऑप्रेशन भी चलाए जा रहे हैं, समय समय पर चैकिंग की जाती है और साल 2019 में राज्य की जेलों से 1800 के करीब मोबाइल फोन रिकवर किए गए हैं।  

बाहर से थ्रो होता है ऐतराज योग्य सामान, गेट से कोई भी नहीं ले जा सकता : डिप्टी सुपरिंटैंडैंट
जेल के डिप्टी सुपरिंटैंडैंट नविन्द्र सिंह से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि जेल में बहुत सख्ती है। जेल रिहायशी एरिया में आ चुकी है। एक तरफ घर हैं तो दूसरी ओर सड़क। लोग बाहर से सामान थ्रो कर देते हैं। बाहर से सामान फैंके जाने की घटनाओं को रोकना जेल प्रशासन के वश की बात नहीं है। गेट से पूरी तलाशी के बाद कैदियों, हवालातियों एवं मुलाकातियों को भीतर जाने दिया जाता है, गेट से कोई भी ऐतराज योग्य सामान अंदर नहीं जा सकता।

कुछ सवाल जो मोबाइल रिकवरी को लेकर जवाब मांगते हैं
-थाना सिटी पुलिस के पास जेल प्रशासन द्वारा बरामद कर दिए गए मोबाइल फोन क्या सेफ पड़े हैं?
-क्या केस खत्म होने के बाद उनकी नीलामी की जाती है?
-क्या उन्हें नशीले पदार्थों के केस खत्म होने के बाद नकारा करने की तरह फोन भी नकारा कर दिए जाते हैं?
-क्या न्यायपालिका के आदेशों या जेल प्रशासन द्वारा बरामद किए गए इन अमानती मोबाइल फोन्स की पुलिस के पास जाकर समय-समय पर वैरीफिकेशन की जाती है
-क्या थाना सिटी पुलिस बरामद किए गए सभी मोबाइलों के ई.एम.आई. नंबर, उनका ब्रांड, उनकी मैन्युफैक्चरिंग डेट एफ.आई.आर. में डालती है या नहीं? 

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