धान के होते पीले रंग को देख खिलने लगे किसानों के चेहरे

punjabkesari.in Saturday, Sep 22, 2018 - 03:46 PM (IST)

जीरा/फिरोजपुर (अकालियांवाला): मालवा क्षेत्र में धान के हो रहे पीले रंग को देखकर किसानों के चेहरे खिलने लगे हैं, क्योंकि इस बार वातावरण अनुकूल रहने के कारण लहरा रही भरपूर फसल के कारण जहां पिछले साल के मुकाबले उपज बढऩे की संभावना प्रकटाई जा रही है, वहीं धान की फसल के भाव में बढ़ौतरी को लेकर भी किसान संतुष्ट नजर आ रहे हैं। 

फसलों के भाव बढऩे के कारण ठेके पर जमीनें लेने वाले किसानों को भी इस बार अच्छा मुनाफा मिलने की संभावना है। सीजन 2018-19 दौरान धान की खरीद के लिए भारत सरकार की ओर से धान की आम किस्म के लिए कम से कम समर्थन मूल्य 1750 रुपए तथा ग्रेड-ए किस्म के लिए 1770 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है। राजनीतिक पाॢटयों के लिए मुद्दा बनने वाले धान के खरीद प्रबंधों को लेकर पंजाब सरकार गंभीर नजर आ रही है। गांव झतरा के हरदीप सिंह ने कहा कि इस बार धान की फसल भरपूर होने की उम्मीद है, लेकिन केन्द्र किसानों की आमदन दोगुनी करने का वायदा निभाए।

पिछले साल व्यापारियों ने खरीदा 2.73 लाख मीट्रिक टन धान 
वर्ष 2017-18 के पिछले सावनी के सीजन दौरान राज्य की मंडियों में कुल 179.34 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की गई थी, जिसमें से समूह सरकारी खरीद एजैंसियों द्वारा कुल 176.61 लाख मीट्रिक टन तथा मिलरों व प्राइवेट व्यापारियों की ओर से केवल 2.73 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा था। जिला मंडी अफसर स्वर्ण सिंह ने बताया कि फिरोजपुर जिले में 11,69,5910 क्विंटल धान, 520940 बासमती की खरीद की गई। मार्कीट कमेटी जीरा के सचिव जीवन नाथ बांसल तथा सुखमंदर सिंह ढिल्लों ने बताया कि पिछले वर्ष 1442730 क्विंटल धान, बासमती 38137 की खरीद की गई थी तथा उन्होंने बताया कि धान के सीजन को मुख्य रखते हुए उनके द्वारा मंडियों की साफ-सफाई के प्रबंध बड़े स्तर पर शुरू किए गए हैं, जो इस महीने के आखिर तक मुकम्मल हो जाएंगे।

चौथा सीजन आ गया मार्कीट कमेटियों की चेयरमैनियों की तरफ देखते हुए
10 वर्षों बाद सत्ता पर काबिज हुई कांग्रेस पार्टी की सरकार द्वारा मार्कीट कमेटियों के चेयरमैन तथा उप चेयरमैन बनाने में की जा रही देरी के कारण ये पद प्राप्त करने के लिए नेता बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, क्योंकि सरकार के बाद चौथा सीजन मंडियों में आ गया है लेकिन कांग्रेस ने अभी कोई चेयरमैन नहीं बनाया। जिस कारण इस पद की प्राप्ति के लिए इच्छुक सरकार पर गुस्सा प्रकट कर रहे हैं। जिक्रयोग्य है कि मंडियों में खरीद शुरू करने तथा मंडी प्रबंधों में चेयरमैन अहम भूमिका निभाते हैं।

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