सतलुज के बहाव में चकनाचूर हो सकते हैं दरिया किनारे बसे लोगों के सपने

punjabkesari.in Wednesday, Sep 26, 2018 - 04:12 PM (IST)

फिरोजपुर(भुल्लर): पिछले कुछ दिनों से पंजाब और पड़ोसी राज्यों में लगातार हो रही बारिश ने जहां दूसरे वर्गों की समस्याएं बढ़ाई हैं, वहां इस समय दरिया किनारे काश्त योग्य भूमि के काश्तकार ज्यादा प्रभावित होते दिखाई देरहे हैं। बताने योग्य है कि सतलुज दरिया के आसपास हजारों एकड़ भूमि अलग-अलग विभागों द्वारा अपने निजी मकसदों के लिए छोड़ी गई थी, जो कुछ समय पहले पूरी तरह बिना काश्त के खाली थी।

पिछले समय में इस भूमि को काश्तकारों ने पैसा खर्च कर काश्त योग्य बनाया था और अपनी रोजी रोटी का साधन बनाया था। जिस तरह पंजाब में बारिश का पानी इक'ठा हुआ है और इस के अलावा हिमाचल और जम्मू में पहाड़ी इलाकों से पानी का बहाव अगले कुछ समय तक यहां पहुंचने की उमीद है, एक तबाही का मंजर पेश कर सकता है। सरकारी मशीनरी यह सब कुछ काबू में रखने प्रति प्रशिक्षण कर रही है, परंतु प्रकृति के सामने ये प्रबंध किस तरह से निपटते हैं, यह समय ही बताएगा।बाढ़ संबंधी पंजाब सरकार की तरफ से रैड अलर्ट जारी कर दिया गया है और प्रशासनिक अधिकारियों की तरफ से लोगों को सावधान रहने के लिए सचेत किया जा रहा है।किसान सुरजीत सिंह, जरनैल सिंह ने बताया कि इस इलाके में रहित ’यादातर लोग बिना भूमि के थे जिन्होंने इन जमीनों पर मशक्कत कर अपनी रोजी रोटी का साधन बनाया।

आज कुदरत के इस प्रकोप और सरकारों की गैर वाजिब नीतियों के सामने ये लोग अपने आप को बेबस महसूस कर रहे हैं। गांव टेंडी वाला के बलवंत सिंह, बहाल सिंह ने बताया कि हमें रोजाना मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। कभी पाकिस्तान की गोलाबारी, आतंकवाद, सरहद पर तनाव जैसे हलातों में अनेकों बार हमारा सड़क यातायात का रास्ता बंद कर दिया जाता है। जिस दौरान हमें दरिया में किश्ती आदि का आसरा लेकर फिरोजपुर शहर के साथ जुडऩा पड़ता है। इन हालातों में मरीजों, स्कूली ब‘चों और नौकरी करते लोगों को ’यादा मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है। यदि आज फिर सतलुज दरिया का बहाव आता है तो हमारा भविष्य और सपने टूट जाएंगे और मेहनत कर आबाद की जमीनें फिर पानी की चपेट में आ जाएंगी।

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