छोटी-सी भूल से बच्चों की किलकारियां और मां की ममता सदा के लिए ‘दफन’

punjabkesari.in Thursday, Oct 11, 2018 - 10:15 AM (IST)

ममदोट (संजीव):एक छोटी-सी भूल से 2 मासूम बच्चों की किलकारियां व मां की ममता सदा के लिए ‘दफन’ हो गईं। ब्लाक ममदोट के गांव हजारा सिंह वाला में घर में मासूम बहन-भाई परमिन्द्र कौर (6) व गुरप्रीत सिंह (4) द्वारा स्कूल से आते चलाए पटाखों दौरान कमरे अंदर भयानक आग लग गई और सो रही मां सहित खुद दोनों भी ‘काल का ग्रास’ बन गए।  श्मशानघाट में 2 मासूम बच्चों और मां की मौत के सदमे से हर आंख आंसुओं से नम थी। पत्नी की चिता को मुखाग्नि देने और मासूम बेटा-बेटी  को सुपुर्द-ए-खाक करते समय चीख-पुकार एक ही बात कह रही थी कि हे रब्बा! तू यह कहर क्यों बरपाया? 

मोहल्ले में पटाखे बेचने वाले दुकानदार को सख्त हिदायत दी जाए
बार्डर संघर्ष समिति के नेता हंसा सिंह कामरेड ने इस मन्दभागी घटना से भविष्य के लिए सचेत करते हुए कहा कि बच्चों को एकांत में अकेले पटाखे न चलाने दें बल्कि एक या दो बड़े आदमी की निगरानी में पटाखे चलाने की इजाजत दें। इसके अलावा अपनी गली या मोहल्ले में पटाखे बेचने वाले दुकानदार को सभी सख्त हिदायत करें। 

दोहता-दोहती और बेटी की मौत से आंखों में से आंसू बहा रहा मृतका गुरमेज कौर का पिता काला सिंह एक ही बात की दुहाई दे रहा था कि एक ही घर में उसकी दोनों बेटियां सुखी थीं, पता नहीं हंसते परिवार को कौन-सा ‘ग्रहण’ लगा गया जिससे खुशियां कभी भी नहीं लौटेंगी।

बच्चों को अकेले में पटाखे चलाने की इजाजत कभी भी न दें 

छोटी-सी भूल ने आज एक घर की हंसती खुशियों को सदा के लिए ग्रहण लगा दिया, जिसके बाद अब इस गरीब मजदूर जसविन्द्र सिंह के घर में बच्चों को अपनी ममता लुटाने वाली न मां बची है और न ही किलकारियां डालने वाले घर के मासूम बच्चे। अभी भी मौका है कि दीवाली नजदीक होने के कारण अपने बच्चों को एकांत व अकेले में पटाखे चलाने की इजाजत कभी भी न दें और संभल जाएं।

swetha