प्रशासन बसंत पंचमी की तैयारियों में व्यस्त, टिड्डी दल फसलें नष्ट करने में मस्त

punjabkesari.in Wednesday, Jan 29, 2020 - 11:53 AM (IST)

फिरोजपुर(मल्होत्रा): चाइनीज डोर पर रोक लगाने में असफल साबित हुए जिला प्रशासन की एक ओर नाकामी सामने आई है। पिछले एक माह से गुजरात एवं राजस्थान के सीमावर्ती इलाकों में कहर बरपा रहे टिड्डी दल के संभावित हमलों के प्रति चेताने के बावजूद प्रशासन गहरी नींद सोया रहा और टिड्डियों ने जिले के कई गांवों में दस्तक दे दी है। कृषि एवं किसान भलाई विभाग की ओर से जारी सूचना अनुसार जिले के गांवों हड्डी वाला, घागा कलां, चक्क सैदोके, मलकजादा, रज्जीवाला और तूत में टिड्डी दलों के कुछ छोटे समूह देखे गए हैं। 

वर्णनीय है कि ‘पंजाब केसरी’ ने टिड्डी दल के संभावित हमलों संबंधी 17 जनवरी के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित करते हुए पंजाब को टिड्डी दल के हमले से अल्र्ट होने की बात की थी लेकिन तब से लेकर आज तक न तो जिला प्रशासन और न ही कृषि विभाग ने क्षेत्र के किसानों को इन हमलों से बचने अथवा हमला होने की स्थिति में नुक्सान कम करने के तरीके बताए। प्रशासन इस समय इसी बात को लेकर उलझा हुआ है कि फिरोजपुर में बसंत पंचमी का त्यौहार 29 को मनाया जाए या 30 जनवरी को।

अब जब टिड्डियों के समूहों ने जिले के गांवों में दस्तक देना शुरू कर दिया है तो कृषि विभाग द्वारा आनन-फानन में अपनी औपचारिकता पूरी करने के लिए किसानों के लिए आवश्यक निर्देश जारी कर दिए हैं। कृषि विभाग द्वारा जारी प्रैस विज्ञप्ति अनुसार संसार में टिड्डियों की मौजूद 10 प्रजातियों में सबसे खतरनाक रेगिस्तानी प्रजाति इस समय राजस्थान से पंजाब की ओर आई है। टिड्डियों का झुंड दिन के समय उड़ता है और रात के समय पेड़ों पर बैठ जाता है। किसानों को सोशल मीडिया पर चल रहीं बातों से घबराने की जरूरत नहीं है बल्कि समझदारी से काम लेना चाहिए। विभाग के दावों अनुसार टिड्डियों के अधिकतर समूह राजस्थान में स्प्रे कर खत्म कर दिए गए हैं और जो समूह पंजाब में आए हैं वे बड़े समूहों से अलग हो हवा के रुख के साथ इधर आ गए हैं। अगर हमले दौरान बालिग टिड्डियों की संख्या 10,000 प्रति हैक्टेयर हो तो इसे कंट्रोल करने की जरूरत होती है। फिल्हाल जिले के किसानों को पीपे बजाकर इसे भगाने की जरूरत नहीं है। अगर इलाके में किसानों को पेड़ों पर कहीं टिड्डियों का  झुंड बैठा दिखाई दे तो जल्द कृषि विभाग अधिकारियों को सूचित किया जाए ताकि समय रहते इन पर स्प्रे कर इन्हें नष्ट किया जा सके। इनके खात्मे के लिए विभाग के पास स्प्रे पंप एवं दवाइयां मौजूद हैं।


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