नाड़ को न जलाएं, इससे होने वाला प्रदूषण बेहद हानिकारक

punjabkesari.in Friday, Apr 27, 2018 - 07:47 AM (IST)

जलालाबाद (गोयल): पंजाब में किसानों द्वारा गेहूं की कटाई जोरों पर की जा रही है। अधिकांश किसानों द्वारा फसल काट भी ली गई है और बेच भी दी गई है। जलालाबाद उपमंडल में भी अधिकांश खेतों से गेहूं की कटाई की जा चुकी है। ऐसे में किसान अब फसल काटने के बाद बची नाड़ को जलाने की तैयारी में लग रहे हैं।‘पंजाब केसरी’ भी किसानों से नाड़ को न जलाने की अपील करता है क्योंकि नाड़ को जलाने से होने वाला प्रदूषण हमारे परिवार तथा बच्चों के लिए बेहद हानिकारक है। अगर सरकार अपने स्तर पर नाड़ संबंधी कोई पहल करती है तो बहुत अच्छा है। अगर सरकार द्वारा कोई पहल नहीं की जाती तो किसानों को वातावरण तथा समाज हित को देखते हुए नाड़ को आग नहीं लगानी चाहिए। 

नाड़ को जलाने की तैयारी
फिलहाल क्षेत्र में किसी भी किसान द्वारा नाड़ को जलाया नहीं गया है लेकिन यह सिलसिला शुरू होने की देर है और देखा देखी किसान नाड़ को जलाना शुरू कर देंगे। अभी तक किसानों द्वारा फसल काट तो ली गई है लेकिन उनकी फसल मंडी में बिक नहीं पाई है। 

किसान भी क्या करें 
अगर किसानों की मानें तो उनका कहना है कि नाड़ को आग न लगाएं तो क्या करें। एक किसान ने कहा कि अगर सरकार नाड़ को न जलाने के आदेशों को मनवाना चाहती है तो उन्हें कोई ऐसा रास्ता या ढंग भी प्रदान करे जिससे वे आसानी से नाड़ से छुटकारा पा सकें। 

न अपील, न आदेश
वहीं दूसरी तरफ अभी तक प्रशासन व सरकार की तरफ से नाड़ को जलाने संबंधी न तो किसानों से कोई अपील की गई है और न ही नाड़ को जलाने के लिए पाबंदी लगाई गई है। 

आदेशों की नहीं परवाह
पंजाब सरकार व प्रशासन द्वारा पिछली बार भी धान की फसल की कटाई के बाद नाड़ को आग लगाने पर पाबंदी लगाई गई थी और ऐसा करने वाले किसान पर जुर्माना तथा कानूनी कार्रवाई का प्रावधान था लेकिन किसानों तथा किसान संगठनों ने सरकार के फैसले का विरोध करते हुए आदेशों की कोई परवाह नहीं की और सरेआम नाड़ को आग लगाई।
 


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Anjna

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