राष्ट्रपति को फैसले पर मोहर लगाने से पहले एक बार किसानों का ख्याल करना चाहिए थाः जसबीर आवला

punjabkesari.in Monday, Sep 28, 2020 - 05:00 PM (IST)

जलालाबाद (सेतिया, टीनूं, सुमित): हलका विधायक रमिन्दर आवला के बड़े भाई और उद्योगपति जसबीर सिंह आवला सोमवार को अलग-अलग गावों में जनतक समस्याओं के समाधान के लिए दौरे पर रहे। इस दौरान उन्होंने गाव धरमूवाला, फत्तूवाला, जौधा भैनी, ढानी मान सिंह, चक्क बजीदा और अन्य गांवों की पंचायतों और आम लोगों के साथ मुलाकात की और उनकी समस्याओं को सुनते हुए कई समस्याओं का समाधान मौके पर करवाया। 

इस अवसर पर उनके साथ उद्योगपति अशोक नरूला, चेयरमैन बलकार सिंह, चेयरमैन रत्न सिंह, उप चेयरमैन ब्लाक समिति सुभाष कम्बोज, धीरज नरूला, धर्म सिंह सिद्धू व अन्य नेता मौजूद थे। इस अवसर पर  बातचीत करते हुए जसबीर सिंह आवला ने कहा कि 27 सितंबर 2020 का दिन पंजाब के इतिहास में बुरा दिन आंका जाएगा क्योंकि इस दिन केंद्र सरकार की तरफ से लाए गए कृषि बिल पर हमारे देश के राष्ट्रपति जी ने अंतिम मोहर लगाकर इसको कानूनी रूप दे दिया। 

उन्होंने कहा कि देश के राष्ट्रपति होने के नाते उन्हें पंजाब के किसानों की आवाज को सुनते हुए एक बिल पर मोहर न लगाते हुए उसे दोबारा सदन में वापिस भेजना चाहिए था। जबकि ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि हमारे देश की सरकार की नीयत में पंजाब के किसानों प्रति खोट नजर आ रही है तभी तो पंजाब के किसानों की आवाज को नजर अंदाज करके कृषि संबंधी तीन बिल कानून बनवा दिए गए। उन्होंने कहा कि पंजाब का किसान भविष्य में संघर्ष जारी रखेगा जबतक कि सरकार अपने फैसले को बदल नहीं लेती। 


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Mohit

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