गहरी गोली कांड का मामला: पीड़ित लक्ष्मी देवी का परिवार इन्साफ लेने के लिए पहुंचा हाईकोर्ट

punjabkesari.in Saturday, Jun 09, 2018 - 10:05 AM (IST)

गुरुहरसहाय(कालड़ा): बीते एक माह पहले गांव गहरी के निवासी सुरजीत सिंह की कब्जे वाली जमीन के ऊपर कुछ कांग्रेसी नेताओं की ओर से कब्जा करने के लिए उसको खोदा जा रहा था तो सुरजीत सिंह और उसके परिवार ने जब कब्जा करने से रोका तो गुरप्रीत सिंह तथा उसके साथ 70 के करीब व्यक्तियों ने फायरिंग करनी शुरू कर दी, जिसमें पीड़ित परिवार की लड़की लक्ष्मी देवी, जोकि एक वरिष्ठ स्टेट लैवल की कबड्डी खिलाड़ी थी, की मौके पर ही गोली लगने से मौत हो गई थी और पीड़ित परिवार के कई व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जिसके बाद थाना गुरुहरसहाय की पुलिस की ओर से आरोपियों के खिलाफ कोई भी ठोस कारवाई नहीं की गई और न ही किसी आरोपी को गिरफ्तार किया गया, जिसके पश्चात शिरोमणि अकाली दल बादल के हलका इंचार्ज वरदेव सिंह नोनी मान तथा अकाली वर्करों की ओर से पीड़ित परिवार को इन्साफ दिलवाने के लिए निरन्तर तीन दिन थाना गुरुहरसहाय के समक्ष मृतक लक्ष्मी देवी का शव रखकर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई और गिरफ्तारी की मांग को लेकर धरना दिया गया। 


इसके बाद पुलिस की ओर से 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और प्रशासन की ओर से पीड़ित परिवार को आश्वासन मिलने के बाद मृतक लक्ष्मी देवी का अंतिम संस्कार किया गया था। अब कई दिन व्यतीत होने के बावजूद भी पुलिस की ओर से न तो किसी आरोपी की गिरफ्तारी की गई है और न ही उनके खिलाफ सही ढंग से कार्रवाई की गई है, जिसको लेकर पीड़ित परिवार की ओर से माननीय पंजाब तथा हरियाणा हाईकोर्ट में एक रिट नंबर सी आर.एम.एम. में जज अरविंद सिंह सागवान की अदालत में लगाई गई है, जिसमें पीड़ित परिवार ने बताया है कि पुलिस द्वारा आरोपियों को गिरफ्तार करने की अपेक्षा उन्हें धमकियां देकर राजीनामा करने के लिए दबाव डाला जा रहा है। माननीय हाईकोर्ट में डाली गई रिट में पीड़ित परिवार ने आशंका जहिर की है कि हलका विधायक व खेल मंत्री की ओर से पुलिस पर सियासी दबाव बनाया हुआ है, जिसके कारण पुलिस आरोपियों को न तो गिरफ्तार कर रही है और न ही उनके विरुद्ध पुलिस कोई ठोस कार्रवाई कर रही है। 

पीड़ित परिवार ने बताया कि उनके द्वारा एक आरोपी गुरमीत सिंह वासी झंडू वाला को तहसील परिसर में पुलिस को गिरफ्तार करवाया गया था, मगर पुलिस द्वारा उसकी गिरफ्तारी डालने की अपेक्षा उसको रास्ते में ही छोड़ दिया गया, जिसकी पीड़ित परिवार द्वारा एक वीडियो भी माननीय अदालत में पेश की गई है। इस संबंधी पीड़ित परिवार ने एक ऑडियो भी माननीय अदालत में पेश की है। माननीय जस्टिस अरविंद सिंह सागवान की अदालत की ओर से डी.जी.पी. पंजाब, एस.एस.पी. फिरोजपुर तथा एस.एच.ओ. गुरुहरसहाय को 8 सितम्बर 2018 को पेश होने के हुक्म दिए गए हैं।  

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