सतलुज दरिया का अस्तित्व खतरे में

punjabkesari.in Monday, Jan 14, 2019 - 11:39 AM (IST)

फिरोजपुर (कुमार): सतलुज दरिया में पानी खत्म होने के कारण दरिया का अस्तित्व खतरे में है और कुछ लोगों की तरफ से दरिया में जे.सी.बी. मशीनें लगाकर बड़े-बड़े बांध बनाए जा रहे हैं और खुलेआम दरिया की जमीन पर अवैध कब्जे किए जा रहे हैं। 

सतलुज दरिया के साथ लगते सीमावर्ती गांवों के लोगों ने अपना नाम प्रकाशित न करने की शर्त पर बताया कि अगर पंजाब सरकार ने दरियाई जमीन पर हो रहे अवैध कब्जे को नहीं रोका और जल्द अवैध कब्जे किए दरियाई जमीन को नहीं बचाया तो जहां देश की सुरक्षा खतरे में पड़ जाएगी, वहीं पीछे से खस्ता हालत में बना धुस्सी बांध टूट जाएगा और किसी भी समय फिरोजपुर बाढ़ की चपेट में आ जाएगा। लोगों ने बताया कि फिरोजपुर भारत-पाक बार्डर पर स्थित सतलुज दरिया के अस्तित्व को बचाने के लिए जिला फिरोजपुर प्रशासन की बड़ी अफसरशाही का कोई ध्यान नहीं है। लोगों ने कहा कि इस बड़े मुद्दे को लेकर कमिश्नर फिरोजपुर डिवीजन और डिप्टी कमिश्नर फिरोजपुर को खुद जाकर मौका देखना चाहिए और अवैध हो रहे और हो चुके कब्जों को खत्म करने के लिए पुलिस की मदद लेनी चाहिए। 

देश की सुरक्षा को खतरा बढ़ा, लाखों पक्षी भी नहीं आ रहे फिरोजपुर 
सतलुज दरिया में पानी खत्म हो जाने के बाद देश की सुरक्षा को भी खतरा बढ़ रहा है, क्योंकि दरिया का पानी पाकिस्तानी एजैंसी आई.एस.आई. के आतंकियों व स्मगलरों की गतिविधियों में बड़ी रुकावट था। बेशक बी.एस.एफ. व आर्मी की सीमाओं पर सुरक्षा कड़ी है, फिर भी देश विरोधी ताकतें दरिया में पानी न होने से अपनी गतिविधियां तेज कर सकती हैं। जब सतलुज दरिया में पानी होता था तब रोजाना तरह-तरह के लाखों पक्षी फिरोजपुर में आते-जाते थे और पानी में कई तरह के जीव-जंतू थे, मगर सीमावर्ती लोगों के अनुसार अत्र पक्षी गायब हो गए हैं और पानी में रहते जीव-जंतुओं का नामों-निशान नहीं रहा है। 

पानी का स्तर नीचे गया, किसानों की चिंता बढ़ी
सतलुज दरिया के साथ लगते सीमावर्ती गांवों के लोगों ने बताया कि जब दरिया में पानी था तब किसानों को बहुत फायदा था और 25-30 फुट पर पानी उपलब्ध था, मगर अब पानी का स्तर करीब 55-60 फीट तक चला गया है, जिस कारण किसानों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। लोगों ने बताया कि दरिया की कई शाखाएं भी लोगों ने अवैध कब्जे करके खत्म कर दी हैं। 

30 वर्ष से नहीं हुई बांध की रिपेयर 
आस-पास के गांवों के लोगों ने बताया कि सतलुज दरिया के साथ लगते धुस्सी बांध की हालत बेहद खस्ता है और गत 30 वर्षों से इस बांध की रिपेयर होती लोगों ने नहीं देखी। उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से वर्षों से दरिया में नोचे बनाने के दावे भी लगभग कागजों तक ही सीमित हैं। 

 

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