गंदगी के ढेर में तबदील हुआ सूखा सतलुज दरिया

punjabkesari.in Monday, Jan 21, 2019 - 11:46 AM (IST)

फिरोजपुर(कुमार): सतलुज दरिया किसी समय सीमावर्ती क्षेत्र की खेती और आर्थिक विकास में सबसे बड़ा कारण माना जाता था, परंतु मानव लालच और गलत नीतियों की बदौलत यह पंजाब का सबसे बड़ा दरिया सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों के लिए शाप बन चुका है और इस दरिया के दूषित पानी के चलते सीमावर्ती क्षेत्रों में अनेकों ला-इलाज बीमारियां उत्पन्न हो रही हंै और इसके हल के लिए सरकार भी गंभीर दिखाई नहीं दे रही है। 
 
उल्लेखनीय है कि पिछले 2 माह से हरीके डैम से सतलुज दरिया में पानी छोडऩा बंद कर दिया गया है, जिसके चलते सतलुज दरिया से हुसैनीवाला डैम में भी पानी की सप्लाई नहीं हो पा रही। हुसैनीवाला डैम के गेटों की मुरम्मत होने के कारण यह डैम व सतलुज दरिया की शाखाओं में पानी बिल्कुल सूख चुका है। अनेकों जल जीव व मछलियां तड़प-तड़प कर मर चुकी हैं और जल-बूटी भी पूरी तरह से सूख गई हैं। वहीं नजदीकी गांवों के लोग घरों का कूड़ा व खेती के अवशेष भी दरिया में फैंक रहे हैं, जिसकी बदौलत सतलुज दरिया पूरी तरह गंदगी के ढेर में तबदील हो चुका है। 

हमारे प्रतिनिधि की ओर से हुसैनीवाला हैड वर्कर्स के नजदीक सतलुज दरिया की निकलती शाखा का विशेष तौर पर निरीक्षण किया तो देखकर हैरानी हुई कि गांव गट्टी हजारा सिंह वाला, भाखड़ा, गट्टी राजोके, जल्लोके गांव जोकि सतलुज दरिया के किराने पर बसे हैं, में दरिया की गंदगी कारण गंदी बदबू में रहने के लिए मजबूर गांव वासियों में किसी भी समय भयानक बीमारियां फैल सकती है। 

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