राष्ट्र के निर्माता होते हैं अध्यापक

punjabkesari.in Thursday, Sep 05, 2019 - 02:05 PM (IST)

जलालाबाद(सेतिया): भारत के पूर्व राष्ट्रपति डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जोकि एक प्रसिद्ध दार्शनिक, संस्कति के विद्वान और राजनीति के अच्छे ज्ञाता थे,उन्हीं के जन्मदिवस को समर्पित अध्यापक दिवस मनाया जाता है। यहां पूरा देश अध्यापक दिवस बड़े उत्साह से मना रहा है, परन्तु अध्यापक का महत्व अतीत से काफी कम हो गया है। एक अध्यापक किसी भी राष्ट्र के निर्माता और उस राष्ट्र की संस्कृति के रक्षक और पोषक हैं। वह अपने विद्यार्थियों में अच्छी बातों के संस्कार डालते हैं। अगर मौजूदा समय की बात की जाए तो बच्चों में आनलाइन पढ़ाई का रुझान बढ रहा है। 

अध्यापक दिवस पर प्रिंसीपल सुभाष सिंह के साथ बात की गई तो उनके अनुसार योग्य अध्यापक बच्चों को केवल अक्षर ज्ञान ही नहीं करवाते, बल्कि वह मानवीय जीवन के महत्वपूर्ण मूल्यों का ज्ञान विद्यार्थियों को करवाते हैं। मौजूदा हालातों में लोगों ने शिक्षा को एक कारोबार बना दिया,जिस ने अध्यापकों का स्तर काफी कम कर दिया। यही कारण है कि विद्यार्थियों में अध्यापकों प्रति सम्मान लगातार कम होता जा रहा है।  बच्चों को अभिभावकों और अध्यापकों प्रति संजीदा होना पड़ेगा। 

अध्यापक का उद्देश्य मात्र विद्यार्थी पढाना ही नहीं, बल्कि देश और समाज को ऐसे नागरिक देना है, जिससे देश उन्नति कर सके। उन्होंने कहा कि देश की शिक्षा में जिस तरह के साथ बदलाव आ रहा है, वह अच्छा है परन्तु इस के लिए सरकारों को भी चाहिए कि वह शिक्षा का व्यापारीकरन होने से रोके और जिस तरह से उच्च योग्यता प्राप्त अध्यापक का प्राईवेट क्षेत्र में अपमान हो रहा है, उस पर रोक लगाई जानी चाहिए।

 अध्यापक हमारे समाज का आईना होते हैं, जो विद्यार्थियों का मार्ग दर्शन करते हैं। उपनिषद् में अध्यापक या आचार्य को देवता की तरह माना है, जिस तरह देवी -देवता मनुष्य का कल्याण करते हैं, उसी तरह अध्यापक भी समाज का हित करता है। अध्यापक एक मोमबत्ती की तरह है जो खुद जल कर दूसरों को प्रकाश देता है।  अध्यापक दिवस पर सरकारी सीनियर सैकेंडरी स्कूल लड़के पी.टी.ए. चेयरमैन नरिंद्र सिंह नन्नू कुक्कड का कहना है कि स्कूल आंगन में अध्यापक दिवस पर सादे समारोह करवाया जाएगा जिस में अच्छी कारगुजारी वाले अध्यापकों को प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा।  

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