कांग्रेस में भी विश्वास हो रहा कम, तीसरे विकल्प की ओर बढ़ने लगा पंजाब के लोगों का रुझान

punjabkesari.in Tuesday, Jan 28, 2020 - 12:45 PM (IST)

फिरोजपुर(कुमार): पंजाब में जब अकाली-भाजपा की सरकार सत्ता में थी, तब पंजाब के लोग कैप्टन अमरेन्द्र सिंह की सरकार को याद करने लगे थे, क्योंकि प्रकाश सिंह बादल की सरकार के समय जहां सत्ताधारियों पर रेत माफिया को सपोर्ट करने और रेत की कालाबाजारी करवाने, बदला लेने वाली भावना से विरोधियों के खिलाफ झूठे मुकद्दमे दर्ज करवाने, सरकारी खजाना खाली करने और तानाशाही तरीके से सरकार चलाने आदि के आरोप लगे। 

पंजाब के लोगों ने कैप्टन अमरेन्द्र सिंह को वर्ष 2017 के चुनावों में पंजाब का मुख्यमंत्री बनाने की ठान ली और उन्हें स्पष्ट बहुमत देकर पंजाब का मुख्यमंत्री बनाया। जब कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने श्री गुटका साहिब पकड़ कर कांग्रेस सरकार के सत्ता में आते ही एक हफ्ते में पंजाब से नशा खत्म करने की शपथ ली तो पंजाब के लोगों में कैप्टन के प्रति विश्वास बढ़ गया। पंजाब के लोगों को वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने यह विश्वास दिलवाया कि पंजाब से वी.आई.पी. कल्चर खत्म होगा और मुख्यमंत्री व मंत्रियों के साथ पंजाब के लोग आसानी से मिल सकेंगे। 

सुलझे हुए सियासतदान हैं कैप्टन अमरेन्द्र सिंह 
कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के बारे मे यह बात मानी जाती है कि वह दूरंदेशी व सुलझे हुए सियासतदान हैं और उन्हें अपनी इस क्वालिटी पर खरा उतरना होगा। पंजाब में आज भी कई जिलों में रेत माफिया द्वारा अवैध माइङ्क्षनग की जा रही है और यह बात पंजाब के लोग भली-भांति जानते हैं। मुख्यमंत्री को चाहिए कि सख्ती से वह अवैध माइनिंग बंद करवाने सहित नशा पूरी तरह से खत्म करने के साथ-साथ नशों में डूब चुके युवाओं को नशे से बचाने के लिए आधुनिक नशा छुड़ाओ केंद्र बनाएं व युवाओं के लिए स्वरोजगार के साधन पैदा किए जाएं।

वी.आई.पी. कल्चर खत्म किया जाए
पंजाब में बढ़ती लूटपाट, चोरियां, गैंगस्टर गतिविधियों को रोकने के लिए कड़े सुरक्षा प्रबंध किए जाएं और सरकार अफसरशाही पर अपना प्रभाव बना कर अफसरों को अपने साथ लेकर पंजाब के विकास की ओर बढ़े। पंजाब में वी.आई.पी. कल्चर खत्म किया जाए। मुख्यमंत्री पंजाब को भ्रष्टाचार खत्म करने की ओर भी विशेष ध्यान देना होगा। 

दिल्ली में केजरीवाल जीते तो पंजाब की सियासत पर पड़ सकता है असर
दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की सरकार ने बहुत अच्छे काम किए हैं जिनकी दिल्ली के साथ-साथ अन्य प्रांतों में भी सराहना की जा रही है। पंजाब में केजरीवाल के कुछ गलत फैसलों के कारण वर्ष 2017 में आम आदमी पार्टी को पंजाब विधानसभा चुनावों में हार का सामना करना पड़ा और उनके हाथ में आती-आती सत्ता छूट गई। इस बार अगर दिल्ली में केजरीवाल स्पष्ट बहुमत लेकर फिर से जीते जाते हैं तो उसका सीधा असर पंजाब में वर्ष 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों पर भी पड़ सकता है, क्योंकि पंजाब के लोग भी बड़े स्तर पर केजरीवाल सरकार के कार्यों की प्रशंसा कर रहे हैं।

कैप्टन अमरेन्द्र सिंह को प्रकाश सिंह बादल की तरह लोगों के बीच जाना होगा 
सी.एम. अमरेन्द्र सिंह के बारे में यह बात कही जाती है कि जो बात वह ठान लेते हैं उसे फिर पूरा करके भी दिखाते हैं। मुख्यमंत्री के बेबाक भाषणों, दिलेरी और पंजाब की खुशहाली व तरक्की के लिए काम करने के तरीकों से पंजाब के लोग कायल हैं। अगर पंजाब में अमरेन्द्र सिंह फिर से कांग्रेस को सत्ता में लाना चाहते हैं तो उन्हें प्रकाश सिंह बादल की तरह लोगों के बीच आना होगा और 24 घंटे अपने विधायकों, मंत्रियों व कांग्रेस नेताओं व वर्करों के लिए उपलब्ध रहना होगा। 

Vaneet