भूमिगत जलस्तर सुधारने के लिए जिला प्रशासन ने तैयार किया मास्टर प्लान

punjabkesari.in Friday, Jul 12, 2019 - 12:45 PM (IST)

जलालाबाद (स.ह., बंटी, सेतिया, बजाज, निखंज): लगातार गिरते भूमिगत जलस्तर के कारण डार्क जोन में पहुंच चुके फाजिल्का जिले में भू-जल की गंभीर स्थिति को देखते हुए पानी की बर्बादी रोकने व जमीन में पानी का स्तर सुधारने के लिए जिला प्रशासन ने मास्टर प्लान तैयार कर लिया है। 

भारत सरकार के स्वास्थ्य व अनुसंधान विभाग की संयुक्त सचिव गीता नारायण (आई.ए.एस.) द्वारा जिला प्रशासन की बैठक के बाद प्रशासन ने वर्षा जल संरक्षण (रेन वाटर हार्वैस्टिंग) को लागू करने के लिए सभी विभागों को निर्देश जारी किए हैं। जिला प्रशासन के आदेशों को सख्ती से लागू करवाने के लिए आज नगर परिषद में कार्यकारी अधिकारी सुखदेव सिंह की अगुवाई में एक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में पंजाब राज्य मंडी बोर्ड, पंजाब राज्य पावर कॉम, नगर परिषद, दूरसंचार विभाग के अधिकारियों के अलावा सरकारी सीनियर सैकेंडरी स्कूल लड़के, डी.ए.वी. कॉलेज, डी.ए.वी. स्कूल के स्टाफ सदस्यों ने भाग लिया। बैठक को संबोधित करते हुए नगर परिषद के जे.ई. विश्वजीत ने बताया कि पूरे देश में 255 जिलों में इस समय भू-जल की स्थिति खतरनाक स्थिति में पहुंच चुकी है जिसमें फाजिल्का जिला भी मुख्य तौर पर शामिल है और जिले में पानी का स्तर ऊंचा उठाने के लिए जिला प्रशासन के निर्देशों पर रेन वाटर हार्वैस्टिंग सिस्टम शुरू किया जाना है।

बैठक में नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी सुखदेव सिंह ने कहा कि जिला प्रशासन के निर्देशों पर जल शक्ति अभियान तहत शहर में करीब डेढ़ दर्जन इमारतों को वर्षा जल संरक्षण के लिए चुना गया है। इन चुनी गई प्रत्येक सरकारी इमारतों में करीब 2 लाख रुपए की लागत से रेन वाटर हार्वैस्टिंग सिस्टम बनाया जाना है जिससे वर्षा का पानी फिल्टर के माध्यम से साफ कर वापस जमीन में डालकर पानी के स्तर में सुधार लाया जा सके। नगर परिषद के जे.ई. विश्वजीत ने बताया कि नगर परिषद ने शहर में पानी बचाओ अभियान तहत 4 टीमों का गठन किया है। शहर में हो रही पानी की बर्बादी का सख्त संज्ञान लेते हुए 2 दुकानदारों के चालान काट कर 2 हजार रुपए का जुर्माना वसूला है। निकट भविष्य में नगर परिषद का यह अभियान जोर-शोर से चलाया जाएगा ताकि पानी की बर्बादी को रोककर स्थिति को और गंभीर होने से बचाया जा सके । सर्विस स्टेशनों पर पानी की बर्बादी रोकने के अलावा वाहन धोने व सुबह के समय पौधों को पानी देने की साफ तौर पर मनाही है व नगर परिषद की टीम पानी बर्बादी रोकने के लिए पूरी सतर्कता बरत रही है। जे.ई. विश्ववामित्र ने कहा कि जिन डेढ़ दर्जन सरकारी बिल्डिंगों में रेन वाटर हार्वैसिं्टग सिस्टम बनाया जाना है उसमें आने वाला खर्च उन विभागों के कर्मचारी अपने स्तर पर करेंगे। उन्होंने नगर निवासियों से पानी बचाने में सहयोग देने की अपील भी की। 

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