कैंसर व अल्सर जैसी नामुराद बीमारियों की जड़ है एसीडिटी

punjabkesari.in Tuesday, Sep 04, 2018 - 12:58 PM (IST)

गुरदासपुर(हरमनप्रीत): भाग-दौड़ व व्यस्तता भरी जिंदगी बिता रहे लोग असंतुलित भोजन खाने के अलावा विभिन्न कारणों से एसीडिटी की समस्या से जूझ रहे हैं। डाक्टरों की भाषा में एसिड पैप्टिक डिजीज के नाम वाली यह समस्या जहां 60 साल से अधिक आयु वाले लोगों में आम देखने को मिलती है, वहीं नौजवानों सहित छोटे बच्चे भी पेट में जलन होने जैसी समस्या से पीड़ित दिखाई देते हैं। आम तौर पर ज्यादातर लोग इस को सिर्फ गैस या तेजाबी मादा समझ कर ज्यादा गंभीरता नहीं दिखाते, परन्तु डाक्टरों के अनुसार एसीडिटी इतनी खतरनाक समस्या है जो समय पर कंट्रोल न होने पर कैंसर व अल्सर जैसी गंभीर समस्याओं को जन्म देती है। सितम की बात यह है कि आज के दौर में ऐसा शायद ही कोई व्यक्ति होगा, जिस को इस समस्या का सामना न करना पड़ता हो।

एसीडिटी बनने कर मुख्य कारण
डाक्टरों के अनुसार इस समस्या के आंतरिक तथा बाहरी कई कारण होते हैं। तेजाबी मादा ज्यादा बनने से पेट में कई समस्याएं पैदा हो जाती हैं। तेजाबी मादा बनने के अनेक कारण हैं। खास तौर पर एच. पायलोरी नाम का बैक्टीरिया खाने-पीने वाली चीजों द्वारा पेट में जा कर तेजाबी मादा बनने का बड़ा कारण बनता है। इसी तरह दर्द से राहत देने वाली दवाओं का ज्यादा सेवन, जंक फूड, तली तथा भारी चीजें, घी, मसाले तथा मिर्च का ज्यादा प्रयोग, समय पर खाना न खाना, कम सोना, स्ट्रैस जैसे कई कारण तेजाबी मादा पैदा करते हैं। इस के अलावा खाना खा कर तुरंत सोना तथा सैर न करना भी इस समस्या को न्यौता देता है। 

लक्षण और परेशानियां
एसीडिटी बनने से मनुष्य को रोटी नहीं पचती तथा डकार आने के अलावा उलटी आने जैसा मन बना रहता है। इस के साथ ही पेट में दर्द होने के अलावा कब्ज हो जाती है। पीड़ित मरीज को सिरदर्द रहने के अलावा चक्कर आते हैं तथा कई बार घबराहट होनी शुरू हो जाती है। अगर सही समय पर इस का उपचार न किया जाए तो यह समस्या गंभीर रूप धारण करके प्राय: अल्सर तथा कैंसर जैसी बीमारियां होने का कारण बन जाती है।

समस्या को और बढ़ा देती हैं अधिक दवाएं
गुरदासपुर के प्रसिद्ध डा. मनोप्रीत सिंह ने बताया कि आज के समय में लोग जंक फूड तथा असंतुलित भोजन खाने के आदी हो चुके हैं, जिस कारण बहुसंख्या में लोगों को होने वाली कई समस्याओं की जड़ एसीडिटी है। यह देखने में आया है कि कई लोग थोड़ा-सा तेजाबी मादा बनने पर डाक्टर की सलाह के बिना ही तेजाबी मादा खत्म करने वाली दवाएं खरीद कर खा लेते हैं जो राहत देने की बजाय समस्या को बढ़ा देती हैं। कई बार दिल के रोगों से पीड़ित व्यक्ति को भी उन्हीं समस्याओं का सामना करना पड़ता है जो एसीडिटी से पीड़ित मरीज को पेश आती हैं, इसलिए खुद दवा खाने की बजाय डाक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए।

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