मित्र कीड़ोंं को दुश्मन समझ कर  किया जाता है जहर का छिड़काव

punjabkesari.in Monday, Feb 18, 2019 - 11:17 AM (IST)

गुरदासपुर(हरमनप्रीत): विभिन्न फसलों की काश्त के दौरान जहां खतरनाक कीड़े-मकौड़े फसलों का भारी नुक्सान करते हैं, वहंीं तकरीबन प्रत्येक खेत में अनेक मित्र कीड़े भी मौजूद होते हैं, जो हानिकारक कीड़ोंं को खत्म करते हैं और फसलों के लिए वरदान सिद्ध होते हैं। विशेषकर रबी वाली फसलों में तेले-चेपे जैसे कीड़ोंं को मारने के लिए खेतों में ही कई कीड़े मौजूद होते हैं, मगर हैरानी की बात है कि बहुत से किसानों को ऐसे कीड़ोंं के बारे में कोई जानकारी नहीं है, जिस कारण कई बार किसान खेतों में मित्र कीड़ोंं को देखकर ही खेतों में जहर का छिड़काव कर देते हैं जिससे न सिर्फ ये मित्र कीड़े मर जाते हैं, बल्कि खेती खर्चे बढऩे के साथ-साथ फसलों की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है। 

क्या होते हैं मित्र कीड़े
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार मित्र कीड़े फसलों के हानिकारक कीड़ोंं को नष्ट करने और प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने में अहम भूमिका निभाते हैं। ये कीड़े दुश्मन कीड़ोंं पर हमला करके या तो उन्हें मार देते हैं या फिर उसे खा जाते हैं। इस कारण किसानों को कई दुश्मन कीड़े मारने के लिए किसी दवाई का छिड़काव नहीं करना पड़ता।

मित्र कीड़ोंं की किस्में
रबी की फसलों में मित्र कीड़े मुख्य तौर पर 2 तरह के होते हैं, जिनमें परभक्षी ऐसे कीड़े हैं जो दुश्मन कीड़ोंं को खाकर अपना गुजारा करते हैं, जबकि परजीवी कीड़े दुश्मन कीड़ोंं पर या उनके अंदर रहकर अपना जीवन चक्र पूरा करते हैं और अंतत: उन्हें मार देते हैं। आज-कल खेतों में रबी की फसलों में मुख्यत: लेडी बर्ड भूूंडी, सात आकार वाली भूंडी, तीन धारी भूंडी, ग्रीन लेस विंग, टेढ़ी धारी वाली भूंडी, सिरफिरी मक्खी आदि परभक्षी मित्र कीड़े हैं। दूसरी तरफ रबी की फसलों के परजीवी कीड़ों में मुख्य तौर पर कोटेशिया या ऐपैंटलीज भरिंड, एफीडियस भरिंड, कैंपोलिस्ट कलोरीडी भरिंड शामिल हैं।

मित्र कीड़ोंं की पहचान और फायदे
लेडी बर्ड भूंडियां गेहूं और सरसों के फसल पर चेपे को खाकर खत्म कर देती है। यह भूंडियां गोल या लंबे आकार की होती हैं, जिनमें से बालिग भंूंडियों के पंख सख्त, चमकदार होते हैं। इनका रंग पीला, लाल या संतरी होता है। इनकी कई किस्म हैं, जिनके अलग-अलग आकार और रंग हो सकते हैं। इसी तरह सात आकार वाली भूंडी पीले, भूरे, लाल जैसे रंग की होती है। इसके ऊपरी पंखों पर सात काले धब्बे होते हैं। तीन धारियों वाली बालिग भूंडियों का सिर पीले रंग का होता है। इसके ऊपरी पंख पीले रंग के होते हैं, जिस पर लंबी काली धारियां होती हैं। टेढ़ी धारियों वाली बालिग भूंडिया गोलाकार होती हैं। इनका सिर पीले रंग का होता है।

ऊपरी पंख संतरी, हलके लाल, पीले या गुलाबी रंग के होते हैं, जिन पर काले रंग की टेढ़ी धारियां होती हैं और 2 धब्बे होते हैं। इसी तरह ग्रीन लेस विंग के पंख पतले और नाड़ीदार होते हैं। इनका लारवा अगली और पिछली तरफ पतला होता है, जिसका रंग हरा या पीला होता है और इस पर गहरे भूरे रंग के दाग होते हैं। इस कीड़े की सुंडियां चेपे, तेले और अन्य नर्म कीड़ोंं को खा जाती हैं। सिरफिड मक्खी मधुमक्खी जैसी होती है, जिसके 2 पंख होते हैं और इसके शरीर पर पीले, काले या सफेद रंग की धारियां होती हैं। इसकी बिना टांगों वाली सुंडियां एक तरफ से मोटी और दूसरी तरफ से पतली तथा चमकदार हरे या पीले रंग की होती हैं, जिस पर लंबी धारियां होती हैं। ये सुंडिया गेहूं तथा सरसों के चेपे को खाकर खत्म कर देती हैं। कोटेशिया और ऐपैंटलीज भरिंड चन्ने की सुंडियों और बंदगोभी की सुंडियों में रहती है। 

मित्र कीड़ोंं को बचाने के तरीके
मित्र कीड़ों को बचाने के लिए किसान जहां कीटनाशकों का इस्तेमाल जरूरत के अनुसार करें, वहीं मित्र कीड़ोंं और हानिकारक कीड़ों के बीच का अंतर भी पता होना चाहिए। हानिकारक कीड़ोंं की रोकथाम के लिए फसलों की रोपाई उचित समय पर करने और खाद की सही इस्तेमाल करने की जरूरत है। इसी के साथ ही मित्र कीड़ों से दुश्मन कीड़ोंं के अंडों और छोटी सुंडी को भी नष्ट किया जा सकता है। इसी उद्देश्य के लिए किसान कृषि विशेषज्ञों से विस्तारपूर्वक जानकारी हासिल कर सकते हैं। इस मामले में अहम बात यह है कि कीटनाशकों के अंधाधुंध इस्तेमाल से गुरेज करना चाहिए। अगर जरूरत पड़े तो हरे त्रिकोण वाले कीटनाशकों के इस्तेमाल को पहल देनी चाहिए। खेतों के आसपास विभिन्न तरह के पौधे लगाने चाहिए। फसलों के अवशेष को जलाने से गुरेज करना चाहिए, क्योंकि आग से मित्र कीड़े नष्ट हो जाते हैं।


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