सिविल अस्पताल पहुंचे सेहत मंत्री बोले- दोषी इन्सान से बच गए तो परमात्मा देगा सजा

punjabkesari.in Thursday, Aug 15, 2019 - 11:05 AM (IST)

पठानकोट(शारदा, आदित्य): सेहत मंत्री पंजाब बलवीर सिंह सिद्घू ने सिविल अस्पताल पठानकोट का औचक दौरा किया। इस दौरान उन्होंने सिविल अस्पताल में मरीजों को मिलने वाली नि:शुल्क दवाओं व सेहत सुविधाओं का जायजा लिया। सेहत मंत्री गत दिनों  अस्पताल की डिस्पैंसरी में नि:शुल्क दवाइयां मिलने के बावजूद मरीज को बाहर से दवाइयां खरीदने के लिए मजबूर करने संबंधी वायरल हुए वीडियों के चलते यहां आज फीड़बैक लिया। 

डा. सिद्धू ने यहां पत्रकारों से रू-ब-रू होते हुए कहा कि सरकार व सेहत विभाग पूरी तरह मॉनिटरिंग कर रहा है कि सिविल अस्पतालों में इलाज हेतु आने वाले लोगों को चिकित्सा सुविधा पूरी तरह मुफ्त मिले तथा डाक्टरों द्वारा ओ.पी.डी. पर्ची पर लिखी गई दवाइयां भी अस्पताल में ही उपलब्ध हों। इसके साथ ही उन्होंने खुलासा किया कि सरकार डाक्टरों के टोटे को दूर करने का हर संभव प्रयास कर रही है तथा इसके लिए हरियाणा व हिमाचल पैटर्न को अपनाया गया है ताकि सर्जन चिकित्सकों की कमी दूर हो सके। ड्रग तस्करी व नशे की समस्या पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि कई नामी-गिरामी तस्कर सूबा सरकार ने सलाखों के पीछे धकेले दिए हैं। वहीं पूर्व अकाली-भाजपा सरकार के 10 सालों के कार्यकाल में नशों का मुद्दा इतना नासूर बन चुका है कि इसे जड़ से उखाडऩे के लिए कुछ और समय तो लगेगा ही। 

पत्रकारों द्वारा सेहत मंत्री का ध्यान इस ओर जब आकृष्ट किया गया कि सिविल अस्पताल के डाक्टर व बाहर स्थित प्राइवेट मैडीकल स्टोर वाले मिलीभगत करके जनता की जेब पर हाथ साफ कर रहे हैं क्योंकि इलाज हेतु आने वाले रोगी की पर्ची पर जो दवाइयां लिखी जाती हैं वे महज बाहरी मैडीकल स्टोरों पर ही उपलब्ध होती हैं, इस पर सेहत मंत्री ने कहा कि सरकार ऐसे किसी नैक्सस को फलने-फूलने नहीं देगी। अलबत्ता अगर इस नैक्सस ने जन साधारण को अमानवीय ढंग से लूटने का प्रयास किया तो दोषी इन्सान से बच गए उनको परमात्मा सजा जरूर देगा। पत्रकारों ने इस ओर भी सेहत मंत्री का ध्यान इंगित किया कि कई बार अस्पताल के स्टॉक में संबंधित दवाइयां होने के  बावजूद दवाइयां को टोटा बताकर रोगियों को बिना दवा दिए बैरंग लौटा दिया जाता है तो मंत्री ने कहा कि इस संबंधी पूरी जांच की जाएगी कि फ्लां दवा कब से स्टॉक में है कि नहीं तथा नहीं है तो क्यों नहीं मंगवाई गई? उन्होंने साफ कहा कि सरकार की प्राथमिकता आम जनता को बेहतर चिकित्सा व शिक्षा मुहैया करवाने की है जिस पर सूबा सरकार तन्मयता से काम कर रही है। 


वार्डों का भी किया निरीक्षण 
इसके बाद सेहत मंत्री ने अस्पताल के वार्डों का भी दौरा करके वहां का निरीक्षण किया। इस दौरान पत्रकारों ने बताया कि जिला सिविल अस्पताल में महज 130 बैड हैं परन्तु कई बार रोगियों की संख्या का आंकड़ा 200-250 पहुंच जाता है। इस पर सेहत मंत्री ने कहा कि इस पर सेहत विभाग पूरी तरह से कार्य करेगा तथा सरकार की हर संभव कोशिश होगी कि कोई भी रोगी बिना चिकित्सा सुविधा लिए वापस न लौटै। उन्होंने कहा कि जन औषधि केन्द्रों को फलीभूत किया जाएगा तथा उनके बाहर बोर्ड लगाए जाएंगे कि फ्लां दवा के साल्ट का विकल्प फ्लां हैं? ऐसे में इन जन औषधि केन्द्रों में बाहरी मैडीकल स्टोरों की तुलना में दवाइयां 40-50 प्रतिशत कम रेटों पर मिलेंगी।

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