पटाखा फैक्टरी धमाके के पीड़ितों की किसी ने नहीं ली सुध

punjabkesari.in Saturday, Sep 14, 2019 - 03:36 PM (IST)

बटाला(साहिल): बटाला में कुछ दिन पहले हुए पटाखा फैक्टरी धमाके में पीड़ितों की किसी ने सुध नहीं ली। जिस दिन दुर्घटना हुई, उस समय तो 2 दिन तक कई नेताओं ने अखबारों की सुर्खियां बटोरने के लिए दुर्घटना स्थल और पीड़ितों के घर-घर जाकर उनका सिर्फ हाल जाना और उनकी वीडियो की पोस्ट को सिर्फ फेसबुक पर ही वायरल किया, परंतु किसी की मदद नहीं की, जबकि प्रांत की कांग्रेस सरकार के कुछ प्रतिनिधियों और दिग्गज नेताओं ने उनकी सुध तो ली, पर पीड़ितों के जख्मों को मरहम न लगा सके और न ही मृतकों के परिवारों को इंसाफ दिलवा सके।

वहीं इस मामले को लेकर सरकार ने न तो किसी उच्चाधिकारी और न ही किसी पर प्रशासनिक कार्रवाई की। स्थिति यह है कि हादसे में मारे गए लोगों का आज भोग था, पर कुछ ऐसे परिवार हैं जिनके पास भोग के लिए खर्च करना तो दूर, उनके सिर पर छत तक नहीं है।

कुछ समाज सेवकों ने उठाया मृतकों के भोग का खर्च
बटाला में ललिया वाली गली में 3 परिवारों के चिराग बुझे। इन मृतकों की सुध लेने वाला कोई नहीं था। आज इनके भोग पर कुछ समाज सेवक दास करन, भुपिन्द्र बाजवा, बिक्रमजीत सिंह ने भोग का खर्च वहन किया। मृतकों के परिवारो के सदस्यों ने बताया कि हादसे में मारे गए सदस्य तो वापिस नहीं आ सकते, पर बड़ी बड़ी-बड़ी बातें करने वाले नेताओं ने साथ देना दूर, किसी ने आकर हमारा हाल-चाल तक नहीं पूछा।

कौन लेगा बिना पिता के 2 वर्षीय बच्चे की सुध
आज ऐसे घरों में जाकर देखा गया कि एक गली के 3 परिवारों के 3 सदस्य मौत के मुंह में चले गए, उनके घरों की हालत इतनी बुरी है कि उसे बयान नहीं किया जा सकता। इस दौरान मृतक विनय की पत्नी सोनिया ने बताया कि उसका पति इस हादसे में मारा गया और 2 वर्ष के मासूम बच्चे आरव को अनाथ कर गया। सोनिया ने बताया कि उसकी आर्थिक हालत बहुत बुरी है, परंतु सरकार के किसी प्रतिनिधि या अधिकारी ने उसके घर की सुध नहीं ली। आज उसके पति का भोग था पर उसके पास इसके लिए कोई पैसा नहीं था। सरकार से कोई आर्थिक मदद नहीं मिली, अब वह जीवन कैसे बसर करेगी।

सरकार ने एक्शन न लिया तो लेंगे कोर्ट का सहारा
इस दौरान एस.जी.पी.सी. पदाधिकारी एडवो. भगवंत सिंह स्यालका ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रशासन की नालायकी को छुपाने के लिए टाल-मटोल किया जा रहा है। आज दुख की घड़ी में जिन परिवारों के चिराग बुझ गए हैं, उनको सरकार से किसी तरह की कोई उम्मीद नहीं है। उन्होंने कहा कि कैप्टन सरकार ने मृतकों और पीड़ितों के लिए जो मुआवजा घोषित किया है, वह न के बराबर है। स्यालका ने मुख्यमंत्री पंजाब को कहा कि मुआवजे की रकम बढ़ाई जाए ताकि जिनके घरों के चिराग बुझ गए हैं, वे अपने घरों का गुजारा ठीक तरह से कर सकें। उन्होंने मृतकों के भोग पर ऐलान किया कि किसी भी पीड़ित को किसी प्रकार का कोई उपचार करवाना है तो वह उनसे संपर्क करे, उसका उपचार मुफ्त करवाया जाएगा। वहीं उन्होंने ऐलान किया कि अगर सरकार ने कोई कार्रवाई न की तो कोर्ट का सहारा लिया जाएगा।


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