बरसात से पहले ही भूमि कटाव की भेंट चढ़ रहे ब्यास दरिया के समीपी गांव

punjabkesari.in Sunday, Jun 02, 2019 - 10:54 AM (IST)

गुरदासपुर(विनोद): बरसात का मौसम अभी शुरू नहीं हुआ है, परंतु जिस तरह से गांव माड़ी बुच्चियां, कांगड़ा, फत्तू बरकतां, फत्तू कुला, गंडवाल के पास ब्यास दरिया के पानी से भूमि कटाव हो रहा है, उससे लगता है कि न तो राजनीतिक नेता गंभीर हैं ओर न ही जिला प्रशासन। 

यदि बरसात के मौसम से पहले इन स्थानों पर पुख्ता बाढ़ सुरक्षा प्रबंध न किए गए तो निश्चित रूप से ब्यास दरिया के पानी से इन इलाकों की हजारों एकड़ भूमि दरिया की भेंट चढ़ जाएगी। वर्णनीय है कि जून 2009 को उस समय के मुख्यमंत्री पंजाब प्रकाश सिंह बादल काहनूवान में संगत दर्शन कार्यक्रम अधीन 2 दिन के लिए आए थे, तब इन गांवों के लोगों ने यह मामला उठाया था। मुख्यमंत्री ने तब तुरंत इस समस्या के समाधान के लिए कदम उठाने का आदेश जारी किया था, उसके बावजूद आज तक इस समस्या के समाधान संबंधी विभाग ने धनाभाव के चलते कुछ नहीं किया है। 

प्राप्त जानकारी के अनुसार ब्यास दरिया के समीप इन स्थानों पर पानी से भूमि कटाव लगातार जारी है। अभी दरियाओं में केवल पहाड़ों पर बर्फ पिघलने से ही पानी आ रहा है और इसी पानी से भूमि कटाव जारी हो गया है। बरसात के मौसम में इस दरिया में पानी का बहाव बहुत तेज हो जाता है, जिससे भूमि कटाव बहुत अधिक होता है और किसानों की उपजाऊ भूमि दरिया की भेंट चढ़ जाती है। माड़ी भूच्चियां-कांगड़ा गांव के सामने लगभग 80 एकड़ भूमि ब्यास दरिया के कारण दरिया में समा गई है, जबकि कई ट्यूबवैल भी बाढ़ में बह गए हैं। इतना सब होने के बावजूद संबंधित विभाग आंखें बंद करे बैठा है। जिला गुरदासपुर के कई जिलाधीश इन स्थानों का कई बार दौरा कर चुके हैं व जरूरी कदम उठाने को कह चुके हैं, परंतु विभाग पता नहीं अब किस आदेश का इंतजार कर रहा है।

2004-06 में बनाए गए स्पर व स्टड हो चुके हैं क्षतिग्रस्त
एकत्रित जानकारी के अनुसार दरिया के पानी से गांव माड़ी बुच्चियां-कांगड़ा की जमीनों को खतरा बना हुआ है। इस स्थान पर भूमि कटाव को रोकने के लिए साल 2004-06 में विभाग ने 7 स्पर व 12 स्टड बना कर भूमि कटाव को रोकने की कोशिश की थी, परंतु अब यह सभी स्पर व स्टड क्षतिग्रस्त हो चुके हैं पर विभाग द्वारा इन की मुरम्मत न करवाए जाने के कारण स्थिति ङ्क्षचताजनक बन गई है। इसी तरह गांव फत्तू बरकतां के पास भी लगभग 40-50 एकड़ भूमि दरिया की भेंट चढ़ चुकी है।

दरिया में समा रही किसानों की उपजाऊ भूमि
इसी तरह मुल्लेवाल व पसवाल के सामने भी स्थिति ङ्क्षचताजनक है। ब्यास दरिया के पानी से लम्बा भूमि कटाव हो चुका है। पानी के कारण किसानों की उपजाऊ भूमि दरिया में समा रही है। यदि इस स्थान पर भूमि कटाव को रोकने के लिए ठोस प्रबंध नहीं किए जाते तो निश्चित रूप में बहुत अधिक नुक्सान हो सकता है। इस गांव के लोगों के अनुसार विभाग ने पानी का बहाव व दबाव दूसरी ओर मोडऩे के लिए भी जो प्रबंध किए थे, वे भी क्षतिग्रस्त हो चुके हैं।

क्या कहना है संबंधित विभाग के उच्च अधिकारियों का
इस संबंधी यदि डे्रनेज विभाग के उच्च अधिकारियों से बात की जाए तो उनका एक ही जवाब होता है कि इस संबंधी योजना बना कर पंजाब सरकार को भेजी गई है, परंतु मंजूरी नहीं मिल रही है, जैसे ही फंड व मंजूरी मिलेगी, यह सभी काम करवा दिए जाएंगे। अधिकारियों के अनुसार पूरी स्थिति की विभाग को जानकारी है और विभाग इस संबंधी जल्दी ही ठोस व्यवस्था करेगा। जैसे ही पंजाब सरकार इन कामों के लिए फंड जारी करेगी हम तुरंत काम करवा देंगे।

रेत की अवैध माइनिंग मुख्य कारण
इस संबंधी लोगों का कहना है कि हमारी बर्बादी की मुख्य वजह रेत की अवैध माइनिंग है। कुछ राजनीतिक पहुंच वाले लोग मशीनें लगा कर दरिया से बहुत गहराई से रेत निकालते जा रहे हैं जिस कारण दरिया का पानी गहरा हो जा रहा है तथा मामूली-सा पानी आने पर ही किनारों से भूमि दरिया मे समा जाती है। इस अवैध माइङ्क्षनग की जिला प्रशासन को पूरी जानकारी है, उसके बावजूद वह चुप बैठा है।

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