जिला खाद्य व आपूर्ति विभाग के सैंटर में बड़ा स्कैंडल

punjabkesari.in Wednesday, Aug 14, 2019 - 01:16 PM (IST)

गुरदासपुर(विनोद): गरीब लोगों को मिलने वाले आटा-दाल के घोटाले में निलंबित हो चुके जिला खाद्य व आपूर्ति विभाग के इंस्पै. सुमित कुमार द्वारा विभाग के अन्य अधिकारियों को सौंपे गए अपने स्टॉक में लगभग 35 लाख रुपए की गेहूं तथा 12 लाख रुपए की खाली बोरियां कम पाई गई हैं। इस संबंधी जिला खाद्य व आपूर्ति नियंत्रक गुरदासपुर मुनीष नरूला जिनका तबादला गुरदासपुर से हो चुका है तथा उन्होंने अभी चार्ज नहीं छोड़ा है, का कहना है कि मैंने इस संबंधी रिपोर्ट चंडीगढ़ उच्च अधिकारियों को भेज दी है और आगे की कार्रवाई चंडीगढ़ से होनी है। सूत्रों के अनुसार पंजाब भर में लगभग 31 हजार करोड़ रुपए का अनाज लापता है तथा केन्द्र सरकार ने पंजाब सरकार के विरुद्ध यह राशि कर्ज के रूप में खड़ी कर दी है। लगभग 1500 करोड़ रुपए किस्तों के रूप में प्रत्येक वर्ष पंजाब सरकार अदा कर रही है।

 
अपनी राजनीतिक पहुंच से यह इंस्पैक्टर एक तो नियमों के विपरीत गुरदासपुर सैंटर में तैनात किया गया था क्योंकि उसे गोदाम में माल कम होने संबंधी जांच का सामना करना पड़ रहा था। इस इंस्पैक्टर के विरुद्ध विभाग के अन्य अधिकारियों ने ही उच्च अधिकारियों को लिख कर भेजा था कि यह इंस्पैक्टर जो कुछ महीनों से लोगों को गेहूं दे रहा है, वह एक तो खाने योग्य नहीं है, वहीं गेहूं की बोरी 30 किलो की होनी चाहिए परंतु यह 25 किलो गेहूं की बोरी दे रहा है। इन इंस्पैक्टरों ने आरोप लगाया था कि जब इस बात की शिकायत इंस्पैक्टर सुमित कुमार से करते है तो वह राजनीतिक पहुंच का रोब दिखाता है। शिकायतें मिलने के बाद विभाग के मंत्री भारत भूषण ने 18 जुलाई को सुमित कुमार इंस्पैक्टर को निलंबित कर दिया था। इस पर पहले भी कई मामले चल रहे हैं। इस अधिकारी के पास बहुत अधिक स्टॉक होने के कारण उसकी गिनती करने में ही काफी समय लग गया। 


निलंबित इंस्पैक्टर के पास लगभग 7 लाख बोरी का स्टॉक था जिसे गिनना कठिन था। इस संबंधी एक विशेष टीम का गठन किया गया। इसमें जो स्टॉक लिया गया उसमें 2 रुपए किलो वाले गेहूं की 1085 बोरियों (30 किलो प्रति बोरी) का स्टॉक कम निकला। सुमित कुमार के पास जो स्टॉक था, उसे गिनने वाली कमेटी के प्रमुख डेरा बाबा नानक के विभाग के अधिकारी हरिमन के अनुसार गत दिन तक जो रिपोर्ट भेजी गई है, उस अनुसार 2400 बोरियां (50 किलो प्रति बोरी) गेहूं कम पाई गईं जिसकी कीमत ही लगभग 35 लाख रुपए आंकी जा रही है है, जबकि लगभग 12 लाख रुपए की खाली बोरियां कम हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस संबंधी सारी रिपोर्ट हमने जिला खाद्य व आपूर्ति नियंत्रक गुरदासपुर को भेज दी है। उन्होंने कहा कि एफ.सी.आई. ने बड़ी मात्रा में गेहूं को यह कह कर रिजाक्ट कर दिया है कि यह गेहूं मनुष्य के खाने के योग्य नहीं है।

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