मुम्बई के बांद्रा में समुद्र के बीच 8 किलोमीटर पुल बनाया जा सकता है तो रावी नदी में 300 फुट दीवार क्यों नहीं बन सकती

punjabkesari.in Friday, Sep 14, 2018 - 02:05 PM (IST)

जुगियाल (शर्मा): पावन बाबा मुक्तेश्वर धाम को बैराज बांध की झील में डूबने से बचाने के लिए बाबा मुक्तेश्वर महादेव बचाओ समिति पिछले लम्बे समय से प्रयास व संघर्ष कर रही है तथा इस धाम स्थल के समीप बड़ी दीवार लगाने की मांग कर रही है। इसके लिए बैराज बांध प्रशासन की ओर से जियोलॉजिस्ट विभाग की रिपोर्ट चीफ डिजाइन चंडीगढ़ को वर्ष 2017 में भेजी गई थी परंतु एक साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी उस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। इसके लिए आज बैराज बांध प्रशासन के निगरान अभियंता सुधीर गुप्ता के साथ समिति पदाधिकारियों की बैठक उनके कार्यालय में हुई है।  इस दौरान समिति के अध्यक्ष गुलजार सिंह, चेयरमैन भीम सिंह, भाग सिंह, अंकुश, सुरिंद्र, पुरुषोत्तम आदि ने कहा कि जून 2016 में बचाओ समिति की ओर से पावन धाम को बचाने के लिए आमरण-अनशन किया गया था। उस वक्त बैराज प्रशासन व जिला प्रशासन की ओर से समिति को इस स्थल को बचाने के लिए 300 फुट लंबी व 65 फुट ऊंची दीवार बनाने का आश्वासन दिया गया था। उन्होंने कहा कि बैराज बांध प्रशासन की ओर इस संबंधी ड्राइंग प्रपोजल चंडीगढ़ चीफ डिजाइन को भेजी परंतु जो प्रपोजल डिजाइन विभाग चंडीगढ़ तैयार कर रही है। उसमें सिर्फ पांडव गुफाओं को ही केवल सुरक्षित किया जा रहा है। 

बचाओ समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि प्रशासन पानी में दीवार नहीं लगाना चाहता, केवल सीढिय़ों तक ही दीवार लगाना चाहता है। उन्होंने कहा कि अगर मुम्बई के बांद्रा में समुद्र के बीच 8 किलोमीटर का पुल बनाया जा सकता है तो रावी नदी में 300 फुट दीवार क्यों नहीं खड़ी की जा सकती? समिति सदस्यों ने एस.ई. सुधीर गुप्ता से ऐतराज व्यक्त किया की इस प्रपोजल से 5,500 वर्ष प्राचीन धाम का अस्तित्व सदा के लिए समाप्त हो जाएगा, बचाओ समिति व पूरे क्षेत्रवासियों ने बांध प्रशासन से मांग की है कि इस पावन धाम को बचाने के लिए 300 फुट लंबी व 65 फुट ऊंची दीवार ही लगाकर इसे पूरी तरह सुरक्षित किया जाए, ऐसा करने से हजारों लाखों शिव भक्तों की आस्था धाम के प्रति बनी रहेगी और टूरिज्म को बढ़ावा व क्षेत्र का विकास होगा। 

बचाओ समिति सदस्यों ने कहा कि इस ड्राइंग व डिजाइन पर फिर से विचार करके इसमें संशोधन किया जाना चाहिए। अगर ऐसा न हुआ तो बचाओ समिति सहित पूरे जिला पठानकोट के शिव भक्त इस पावन स्थल को बचाने के लिए सड़कों पर उतर आएंगे। इस संबंध में सबंधित अधिकारी एस.ई. सुधीर गुप्ता ने बताया कि पावन स्थल को बचाने के  लिए बैराज बांध प्रशासन ठोस कार्य कर रहा है ताकि आस्था के केंद्र बिंदु को पूरी तरह सुरक्षित किया जा सके। उन्होंने बताया कि इस स्थल को सदा के लिए सुरक्षित व धार्मिक पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने के लिए कार्य जारी है। इस अवसर पर एस.ई. एस.के. गुप्ता, एस.डी.ओ. लखविंद्र सिंह, समिति के पदाधिकारी भीम सिंह, गुलजार सिंह, भाग सिंह, पुरुषोत्तम सिंह, सुरिंद्र कुमार, अंकुश तनवाल, धर्म सिंह, नरेश कुमार, गोपाल शर्मा आदि उपस्थित थे। 
 

bharti