भड़के सफाई कर्मचारियों ने शराब के ठेके के बाहर लगाया कूड़े का ढेर

punjabkesari.in Wednesday, Jun 13, 2018 - 04:40 PM (IST)

दीनानगर (कपूर): दीनानगर बस स्टैंड के बाहर स्टेट हाईवे पर खुले शराब के ठेके पर रेट लिस्ट न लगाने बारे पूछने पर प्रधान राजेन्द्र दीपा को जातिसूचक गालियां निकालने के रोष स्वरूप गुस्साए सफाई कर्मचारियों ने आज प्रात: शराब के ठेके के बाहर कूड़ा फैंकने के बाद सड़क पर शराब ठेकेदारों के विरुद्ध नारेबाजी करके अपनी भड़ास निकाली तथा स्थानीय पुलिस स्टेशन में लिखित शिकायत पत्र देकर कानूनी कार्रवाई करने की मांग की।
 

सफाई कर्मचारी यूनियन के प्रधान राजेन्द्र दीपा ने बताया है कि गत रात जब वह बस स्टैंड के बाहर शराब के ठेके पर गए तो शराब खरीदने से पूर्व उसने मौके के कारिन्दों को ठेके के बाहर शराब की रेट लिस्ट न लगाए जाने बारे पूछा तो ठेके के कारिन्दे उस पर भड़क उठे तथा उसे जातिसूचक गालियां निकाल कर उसे काफी अपमानित किया गया।  प्रधान को जातिसूचक गालियां निकालने का पता चलते ही आज प्रात: होते ही सफाई कर्मचारियों ने ठेके के बाहर कूड़े से भरी ट्राली फैंक दी। इसके बाद सभी कर्मचारी नगर परिषद कार्यालय के बाहर एकत्रित हो गए तथा शराब ठेकेदारों के विरुद्ध डट कर नारेबाजी करके ठेकेदारों के कारिन्दों पर बनती कानूनी कार्रवाई करने की मांग करते रहे।

सफाई कर्मचारियों से माफी मांग कर माहौल को किया शांत
ठेके के बाहर कूड़े का बड़ा ढेर लगने के कारण सुबह ही कर्मचारी ठेके का शटर बंद करके वहां से चले गए। माहौल खराब होता देख उन्होंने नगर परिषद के प्रधान राकेश महाजन की उपस्थिति में सफाई कर्मचारियों के साथ बैठक आयोजित करके ठेके के कारिन्दों द्वारा सफाई कर्मचारियों से माफी मंगवाने के बाद सफाई कर्मचारियों ने अपनी शिकायत वापिस ले ली जिसे माहौल शांत हुआ।

सरकारी पहुंच के चलते निर्देशों का पालन नहीं करते शराब ठेकेदार
विभिन्न संगठनों ने शराब ठेकेदारों द्वारा अपनी मनमानी का आरोप लगाते हुए कहा कि निर्धारित रेट से अधिक मूल्य वसूलने के कारण ठेकेदार ठेके के बाहर रेट लिस्ट नहीं लगाते, जबकि सरकार द्वारा सभी ठेकों के बाहर रेट लिस्ट लगाना अनिवार्य किया गया है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा है कि शराब की आधी बोतल लेने वालों को बंद बोतल देने की बजाए वहां पर उसी समय रीफिल करके शराब बेची जाती है, जिसके संदर्भ में कई बार स्थानीय लोग एक्साइज विभाग को भी शिकायत कर चुके हैं, मगर अपनी सरकारी पहुंच के कारण ठेकेदार रेट लिस्ट लगाने व शराब की बंद बोतल बेचने की सरकार की सख्त हिदायतों का पालन करना जरूरी नहीं समझते। 

 

 

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