कर्फ्यू के चलते रेहड़ियां गायब, भूख न मिटने से खूंखार हो रहे कुत्ते

punjabkesari.in Sunday, Mar 29, 2020 - 04:52 PM (IST)

पठानकोट (शारदा): जनता कर्फ्यू के बाद आज 8 दिन हो गए हैं, जब पूरी तरह से लोगों को घरों में रहने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है, मात्र राशन, दवाई और दूध के लिए थोड़ी बहुत गतिविधियां हो रही हैं। उसे भी कम करने के लिए प्रशासन दिन-रात एक किए हुए है। लोगों के ऊपर सोशल मीडिया, इलैक्ट्रोनिक मीडिया एवं अखबारों के माध्यम से पूर्ण दवाब बनाया जा रहा है कि वह कोरोना वायरस को हलके में न ले। यह एक ऐसी नामुराद मुसीबत है कि अगर फैल गई तो उस हिसाब से किसी भी देश में स्वास्थ्य प्रबंध मुकम्मल नहीं हैं।

दशकों बाद ऐसी स्थिति आई है कि 130 करोड़ जनता का देश अब घरों में कैद होकर रह गया है, वाहनों का चलना बंद हो गया है और बहुत सारी बातें ऐसी हो रही हैं जो 30-40 वर्ष पहले देखने को मिलती थी, आसमान साफ होना शुरू हो गया है और भारी संख्या में तारे नजर आने शुरू हो गए हैं। इसी प्रकार सुबह के समय पक्षियों चहकने की आवाजें तीव्र हुई हैं क्योंकि इंसान और उसके वाहन चुप हैं। इसी प्रकार कुछ मुसीबतों ने भी जन्म लेना शुरू कर दिया है जिसमें से गली-मोहल्लों में रहने वाले कुत्ते एक सप्ताह के बाद खूंखार होते जा रहे हैं। हर शहर में हजारों की संख्या में कुत्ते होते हैं जिन्हें कंट्रोल करना संभव नहीं है। कार्पोरेशन उनकी नसबंदी करने का प्रयास करती है परंतु बहुत अधिक साकरात्मक परिणाम नहीं आते। प्रतिदिन शहर में सैकड़ों रेहड़ियां लगती हैं, जो मीट, मुर्गा, ब्रैड और अन्य प्रकार की व्यंजनों से लैस होती हैं, जाते समय वह सारा अपना बचा हुआ सामान यां आधा खाया हुआ वहीं पर फैंक जाते हैं, जो कुत्तों एवं जानवरों के काम आता है। कुछ लोग कुत्तों को विशेष रूप से रोटी वगैरा डालने के लिए जाते हैं जैसे उन्हें किसी ज्योतिष आचार्या ने बताया हो। परंतु बहुत सारे कुत्ते जिन्हें रेहड़ियों से मिलने वाला खाने का माल नहीं मिल रहा वह अब खूंखार होते जा रहे हैं। क्या ऐसे कुत्तों के लिए या गलियों में घूम रहे जानवरों के लिए खाना उपलब्ध करवाना एक भी एक कार्य है।

जिला प्रशासन इस समय बुरी तरह से उलझा हुआ है कि किस प्रकार से लोगों की समस्याओं को कम किया जाए। अब इन कुत्तों एवं जानवरों की समस्या के लिए समाजसेवी संस्थाओं को केाई योजना बनानी होगी अन्यथा कोई व्यक्ति इन कुत्तों का शिकार हो सकता है।
 

Mohit