पड़ोसी परिवार ने घर में घुसकर चेहरे पर पोती कालिख,बनाई वीडियो

punjabkesari.in Tuesday, Mar 26, 2019 - 10:52 AM (IST)

गुरदासपुर(विनोद): पुलिस स्टेशन सेखवां के अंतर्गत धारीवाल कलां के एक दलित परिवार की महिला ने अपने ही पड़ोसी परिवार के सदस्यों पर उसके घर में जबरदस्ती घुसकर चेहरे पर कालिख पोतने व उसकी वीडियो बनाने के आरोप लगाए हैं। इसके अतिरिक्त पुलिस स्टेशन सेखवां की पुलिस के एक थानेदार पर जबरदस्ती समझौता कर बनती कानूनी कार्रवाई न करने के आरोप भी लगाए हैं। पीड़ित महिला संदीप कौर पत्नी कुलदीप सिंह निवासी धारीवाल कलां ने बताया कि उनके पड़ोस में रहते स्वर्ण सिंह पुत्र शिंदा सिंह उसे फोन कर परेशान कर अश्लील बातें करता था।  उसने इसकी जानकारी जब स्वर्ण सिंह के परिवार को दी तो स्वर्ण सिंह के परिवार ने उसके घर में घुस कर उससे मारपीट की और उसके परिवार की महिलाओं ने संदीप कौर के मुंह पर कालिख पोत दी। यहीं बस नहीं, उससे मारपीट करते हुए उसकी वीडियो भी बनाई।

पुलिस पर जबरदस्ती समझौता करवाने का भी लगाया आरोप
महिला ने बताया कि वह अब दलित आयोग चंडीगढ़ व मानवाधिकार आयोग में पेश होकर पुलिस की एकतरफा कार्रवाई से उनको अवगत करवाएगी। उसने कहा कि सेखवां की पुलिस ने उन्हें कोई इंसाफ नहीं दिलाया, उल्टा उनके परिवार को सेखवां की पुलिस द्वारा भयभीत कर धमकाया जा रहा है कि वह संबंधित पक्ष से समझौता कर ले।

क्या कहना है ए.एस.आई. का
इस सम्बन्धी जब ए.एस.आई. बिक्रमजीत सिंह से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि महिला के बयान पर समझौता किया गया था। महिला द्वारा लगाए जा रहे आरोप बेबुनियाद हैं।

क्या कहना है पुलिस स्टेशन सेखवां के इंचार्ज का
इस मामले सम्बन्धी पुलिस स्टेशन सेखवां के इंचार्ज इंस्पै. कुलदीप सिंह ने बताया कि संदीप कौर का अपने पड़ोसी स्वर्ण सिंह पुत्र छिंद्र सिंह, सुरजीत कौर पत्नी छिंद सिंह, गुरमीत सिंह पुत्र शिंदा सिंह, अमृतपाल कौर, सिमरन कौर पत्नी गुरमीत सिंह के साथ झगड़ा हुआ था। उन्होंने बताया कि उक्त व्यक्तियों ने संदीप कौर के घर दाखिल होकर उससे मारपीट की, परंतु चेहरे पर कालिख लगाने के आरोप सिद्ध नहीं हो सके। उन्होंने बताया कि पुलिस द्वारा संदीप कौर के बयान पर उक्त आरोपियों के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए उन्हें अदालत में पेश कर दिया गया था।

एस.एस.पी. से मिलने के बावजूद नहीं हुई कार्रवाई
पीड़िता ने बताया कि उसने इसकी सूचना पुलिस को दी। इस पर पुलिस स्टेशन सेखवां का अधिकारी बिक्रमजीत सिंह आया और उसने बातचीत कर उनसे कुछ कागजों पर जबरदस्ती हस्ताक्षर करवा लिए। उसने कुछ दिनों बाद जब अपनी शिकायत सम्बन्धी पुलिस स्टेशन से बनती कार्रवाई बारे पूछा तो उन्होंने कहा कि उसका परिवार दूसरी पार्टी के साथ समझौता कर चुका है। उन्होंने बताया कि इस सम्बन्धी वह एस.एस.पी. बटाला को भी मिले और अपना पक्ष बताया परंतु घटना के 13 दिन गुजर जाने के बावजूद उन्हें कोई इंसाफ नहीं मिला।

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