दरगाह की दीवार तोड़े जाने से स्थिति हुई तनावपूर्ण, पुलिस पहुंची दल-बल के साथ

punjabkesari.in Tuesday, Jul 17, 2018 - 12:21 PM (IST)

पठानकोट(शारदा, आदित्य): नगर से सटे गांव कोठे मनवाल में उस समय स्थिति तनावपूर्ण हो गई जब वहां स्थित पंजपीर की दरगाह की दीवार तोड़े जानेे की बात आसपास के लोगों में फैली। स्थानीय लोगों व दरगाह का सेवक बाबा अशोक कुमार ने दीवार तोड़े जाने का संदेह गुज्जर समुदाय पर व्यक्त करते हुए कहा कि गत दिनों गुज्जर समुदाय के एक व्यक्ति ने इसी दीवार को लेकर तीखी नोक-झोंक की थी।

 

दूसरी ओर इस धार्मिक स्थल की दीवार को तोड़े जाने का मुद्दा उस समय और गर्मा गया जब हिन्दू सुरक्षा समिति के साथ शिवसेना समाजवादी इस मसले में कूद गई तथा इन दोनों ही संस्थाओं ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए दीवार को ढहाने का कड़ा रोष जताया। संस्थाओं के सदस्यों के सुरेन्द्र मन्हास व राजेन्द्र जिंदी ने कहा कि दीवार तोड़कर साम्प्रदायिक रंग दिया जा रहा है जिसे स्थानीय लोग बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने मांग उठाई कि इस घटना के पीछे जो भी तत्व हैं पुलिस प्रशासन जांच करके उनके चेहरे बेनकाब करे व बनती कानूनी कार्रवाई करे। 

 

उल्लेखनीय है कि इस दरगाह के साथ कब्रिस्तान सटा हुआ है जिससे गुज्जर समुदाय जुड़ा है। वहीं मामले की गंभीरता को देखते हुए डी.एस.पी. देहाती कुलदीप सिंह, थाना प्रभारी शाहपुरकंडी दलविन्द्र पुलिस पार्टी के साथ मौके पर पहुंचे व उन्होंने तनावपूर्ण माहौल को नियंत्रण में लिया। पुलिस को जानकारी देते हुए बाबा अशोक कुमार व पूर्व सरपंच राजेन्द्र सिंह ने बताया कि उक्त दरगाह की जमीन 4 कनाल 17 मरले है जो कि देस राज पुत्र दम्मू राम के नाम है। पिछले 70 वर्षों से इस रकबे की गिरदावरी इसी परिवार के पास है।

 

इसमें एक कनाल 17 मरले जमीन वक्फ बोर्ड की है जो कि 90 वर्षों के लिए कलक कुमार पुत्र गिरधारी लाल के नाम पर है जिसका गुज्जर समुदास से कोई लेना-देना नहीं है। इसके बावजूद गुज्जर समुदाय अपने मृत सदस्यों को वहां कब्रिस्तान में दफनाता है। उन्होंने बताया कि असल में यह कब्रिस्तान न होकर दस्तावेजों के अनुसार हिन्दू समुदाय के बच्चों के मृत होने पर दफनाने का स्थान था। इसको लेकर मामला न्यायालय में विचाराधीन है। वहीं डी.एस.पी. कुलदीप ने कहा कि दोनों समुदायों को पक्ष रखने के लिए बुलाया है। तथ्यों के आधार पर जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।

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