ड्रग डी-एडिक्शन व रीहैबिलिटेशन कर्मचारी हड़ताल पर, नौजवान हुए परेशान

punjabkesari.in Tuesday, Aug 21, 2018 - 01:44 PM (IST)

गुरदासपुर(पंकेस): स्थानीय सिविल अस्पताल में सरकारी ड्रग डीएडिक्शन व रीहैबिलिटेशन कर्मचारियों ने मांगों को लेकर एक दिन की हड़ताल की लेकिन इस हड़ताल के कारण नशा छुड़ाओ केन्द्र में दाखिल कुछ अन्य नशेड़ी नौजवान जोकि इस विभाग से दवाई प्राप्त करते हैं, को दवाई न मिलने से वे भड़क गए, जिस कारण कुछ समय के लिए सिविल अस्पताल में तनाव का वातावरण बन गया। नशेडियों ने दवाई न मिलने के कारण सिविल अस्पताल में नारेबाजी की। माहौल बिगड़ता देख पुलिस स्टेशन सदर से पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे जिन्होंने नौजवानों को समझा कर मामला शांत करवाया।

क्या कहना है कर्मचारी नेताओं का
धरने पर बैठे सरकारी ड्रग डीएडिक्शन व रीहैबिलिटेशन कर्मचारियों ने बताया कि पंजाब सरकार व स्वास्थ्य तथा परिवार भलाई विभाग ने पंजाब के प्रत्येक जिले में जिला स्तर पर जिला नशा छुड़ाओ व पुनर्वास सोसायटियों का गठन करके 2014 में हमें सार्वजनिक नियुक्ति विधि से भर्ती किया गया था। हमें भर्ती हुए लगभग 3 से साढ़े 3 वर्ष का समय होने वाला है। हम पहले दिन से ही एकमुश्त वेतन पर नशा छुड़ाओ केन्द्रों, रीहैबिलिटेशन केन्द्रों व पंजाब सरकार द्वारा नशों की रोकथाम के लिए चलाए गए पायलट प्रोजैक्ट ओट प्रोग्राम के तहत दिन-रात मेहनत, लगन व ईमानदारी से कार्य कर रहे हैं। 

दवाई न मिलने पर भड़के नशेड़ी नौजवान 
दूसरी तरफ कर्मचारियों की हड़ताल के चलते नशा छोडऩे के लिए दवाई खा रहे नौजवानों को दवाई न मिलने पर नौजवान भड़क गए जिन्होंने सिविल अस्पताल के विरुद्ध नारेबाजी की और अस्पताल में धरना दे दिया। मामला गर्म होता देख किसी ने पुलिस को सूचित किया जिस पर सदर से पुलिस अधिकारी जगजीत सिंह अपनी पुलिस पार्टी के साथ अस्पताल पहुंचे जिन्होंने मौके पर पहुंच कर नौजवानों को शांत किया और सिविल अस्पताल के उच्चाधिकारियों के ध्यान में मामला लाकर समाधान करवाने का आश्वासन दिया। वर्णनीय है कि सिविल अस्पताल से 900 के करीब नशेड़ी नौजवान नशा छोडऩे वाली दवाई ले रहे हैं।

swetha