पिछले 10 माह से वेतन न मिलने के विरोध में कर्मचारी बैठे भूख हड़ताल पर

punjabkesari.in Tuesday, Feb 05, 2019 - 09:38 AM (IST)

पठानकोट(शारदा/आदित्य): एक तरफ तो कैप्टन अमरेंद्र सिंह की सरकार लोगों को बेहतर सुबिधाएं देने के दावे कर रही है, जबकि पठानकोट नगर निगम के कर्मचारी बिना वेतन के काम करने को मजबूर हैं। नगर निगम में पिछले 10 माह से वेतन न मिलने के विरोध में आज मजदूर यूनियन के बैनर तले कार्यरत कर्मचारियों ने नगर निगम के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते हुए रोष प्रदर्शन कर भूख हड़ताल शुरू की, जिसकी अध्यक्षता धर्मेंद्र ठाकुर ने की।

वहीं देर शाम भूख हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों में से एक युवक की आज देर सायं अचानक तबीयत खराब हो गई, जिसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। उल्लेखनीय है कि जैसे ही उक्त कर्मचारी की तबीयत बिगडऩे की भनक लोगों तक पहुंची तो वहां पर लोगों का जमाबड़ा लग गया और वे नगर निगम प्रशासन को कौसते देखे गए। जानकारी देते हुए स्वच्छ भारत मजदूर यूनियन के अध्यक्ष धर्मेन्द्र ठाकुर, जगदीश राज, विशाल, पवन, रिशु, अक्षय कुमार, दीपक कुमार ने बताया कि तबीयत खराब होने वाले युवक की पहचान जतिन सिंह पुत्र पूर्ण सिंह निवासी चार मरला क्वार्टर है।

इस संबंध में जानकारी देते हुए जगदीश राज, विशाल, पवन, रिशु, विशाल, अक्षय कुमार, दीपक कुमार ने बताया कि निगम में पिछले 10 माह से वे ट्यूबवैल पम्पों पर कार्य करते आ रहे हैं, परंतु अभी तक उन्हें एक बार भी वेतन नहीं मिला, जिसके कारण घर का खर्च चलाना मुश्किल हो गया है, जिसको लेकर उक्त कार्यरत कर्मचारियों में प्रशासन और पंजाब सरकार के खिलाफ भारी रोष की लहर पाई जा रही है।
 उन्होंने कहा कि हमारे चुने हुए प्रतिनिधि और नगर निगम के अधिकारी भी हमारी बात सुनने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि जब तक उन्हें निगम की ओर से उनका बनता वेतन नहीं दिया जाता तब तक वे भूख हड़ताल पर डटे रहेंगे।

क्या कहना है नगर निगम मेयर का
कर्मचारियों को वेतन न मिलने संबंधी जब नगर निगम मेयर अनिल वासुदेवा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उन्हें इन कर्मचारियों के रिकार्ड के बारे में कोई जानकारी नहीं है। उक्त कर्मचारियों को किसने रखा और कब रखा, इसका रिकार्ड ही नहीं है।

 क्या कहना है नगर निगम कमिश्नर का
इस संबंध में जब नगर निगम कमिश्नर कुलवंत सिंह ने कहा कि उक्त कर्मचारी वाटर सप्लाई विभाग के पम्पों पर कार्यरत थे तथा उनकी ओर से वाटर सप्लाई के पम्प निगम को सौंप दिए गए थे, जिसको लेकर उक्त कर्मचारियों को निगम की ओर से नहीं रखा गया था, परंतु उन्होंने टैंडर लगाए हुए हैं, जैसे ही टैंडर लगते हैं तो ठेकेदार इन्हें रख सकता है।

क्या कहते हैं म्यूनिसिपल वैल्फेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष
इस संबंध में म्यूनिसिपल वैल्फेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष अश्विनी शर्मा ने कहा कि निगम प्रशासन को चाहिए कि जिन लोगों ने अपनी ड्यूटी निगम को दी है, उनका बनता वेतन दिया जाए और एफ.एन.सी.सी. के सदस्यों को भी चाहिए कि वे उक्त कर्मचारियों की बैठक कर इन्हें वेतन और पक्का करवाएं।

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