सताने लगा डेंगू का डर, निगम की तैयारियां अधूरी

punjabkesari.in Monday, Jun 04, 2018 - 11:06 AM (IST)

पठानकोट (शारदा): डेंगू का डंक हर बार आम जनता को बुरी तरह सताता है तथा कई दफा मानवीय जिंदगियों को समय पर समुचित इलाज न होने से जान भी गंवानी पड़ती है। पिछले वर्षों का आंकड़ा देखें तो औसतन हर वर्ष आधा दर्जन के करीब मौतें डेंगू से होती हैं। वहीं डेंगू पॉजीटिव रोगियों (संदिग्ध रोगी) की संख्या करीब 600 के बीच रहती है। पिछले वर्ष का आंकड़ा अगर देखें तो विभागीय सूत्रों के अनुसार 614 रहा है।

इनमें से तो कुछ सिविल अस्पताल में समय पर इलाज के लिए पहुंचने के बाद किस्मत से बच जाते हैं परन्तु कइयों को जिंदगी की जंग लडऩे के लिए बाहरी एवं निजी स्थानों पर जीवन भर की एकत्रित पूंजी खर्च करनी पड़ती है। हालांकि सेहत विभाग तो समय पर डेंगू से जंग लडने के लिए तैयारी में जुट जाता है। इसकी आमद की दस्तक होते ही सिविल अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड व टैस्टों के साथ इलाज की प्रक्रिया शुरू कर दी जाती है परन्तु नगर निगम प्रशासन जिस पर डेंगू से बचाव के लिए सफाई आदि की व्यवस्था का जिम्मा होता है, की डेंगू से निपटने की तैयारियां फिलहाल अधूरी लग रही हैं। जिस कारण लोगों में डेंगू का डर सताने लगा है।

गंदे नालों जो कि महीनों से अवरोधकों से अटे पड़े हैं तथा जिनकी सफाई मार्च माह हो जानी चाहिए। उनकी सुध अब निगम प्रशासन लेने जा रहा है जो भी ऊंट के मुंह में जीरे समान है क्योंकि मानसून सीजन सिर पर है तथा मानसून भारत के केरल आदि राज्यों में दस्तक भी दे चुका है।  दूसरे तरफ निगम निष्क्रिय स्थिति में है। उसका कारण निगम पर भाजपा का कब्जा है, जबकि पंजाब में सत्ता परिवर्तन होने के बाद कांग्रेस पार्टी सत्तारूढ़ हो चुकी है। ऐसे में परस्पर विरोधी पार्टियों में बने गतिरोध के चलते निगम प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं।
 

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