डुगली खड्ड में आई भयानक बाढ़, दर्जनों गांवों का आपस में सम्पर्क टूटा

punjabkesari.in Wednesday, Aug 22, 2018 - 09:59 AM (IST)

पठानकोट (कंवल, आदित्य,शारदा):  नीम पर्वतीय क्षेत्र धारकलां में लगातार मूसलाधार बारिश होने से कई बरसाती नालों व खड्डों ने भयानक रुख अख्तियार कर लिया। गांव हाड़ा-नारायणपुर मार्ग पर पडऩे वाली डुगली खड्ड में भयानक बाढ़ आ गई। वहीं बाढ़ के पानी ने सड़क को लील कर नदी बना दी है। बाढ़ के कारण दर्जनों के करीब गांवों का आपस में पूरी तरह से सम्पर्क टूट गया है। 

जानकारी के अनुसार चक्की दरिया में जाकर मिलती है वह पानी के तेज बहाव के कारण पूरे उफान पर है। इस बाढ़ ने जहां दर्जनों गांवों को पठानकोट-नूरपुर राष्ट्रीय मार्ग से जोडऩे वाली मुख्य सड़क को बहा कर 2 भागों में बांट दिया वहीं उक्त सड़क नदी के रूप में बहनी शुरू हो गई।

इसके कारण खड्ड की दूसरी ओर बसे गांव नारायणपुर, ढाहका, बरोह, बरन, पट्टा, समठेड़, नया गांव, मांगनी, मंगनेत, नई बस्ती आदि मुख्य मार्ग से पूरी तरह से कट कर रह गए। बाढ़ से सड़क में नदी बहने के कारण लोगों को अपने गंतव्य की तरफ जाने में भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। स्कूल जाने के लिए घरों से निकले बच्चे, शहर में रोजाना कारोबार करने वाले सभी लोग खड्ड के दोनों ओर खड़े होकर पानी के तेज बहाव को देखने को मजबूर दिखाई दिए।

मौके पर उपस्थित स्थानीय लोगों पूर्व सरपंच रोशन लाल, मदन लाल, रछपाल, बिशन लाल, शाम सुंदर, रछपाल शर्मा, दीपक शर्मा, रोहित शर्मा, जसबीर सिंह, पुरुषोत्तम लाल, आशीष शर्मा, राधे शाम, हरनाम सिंह, सुभाष सिंह, राकेश कुमार, विनोद कुमार, सुरजीत सिंह आदि ने प्रशासन के खिलाफ जमकर भड़ास निकालते हुए कहा कि यह प्रशासन की लापरवाही है जो लोगों को इन भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। वर्षों से यहां लोगों को बरसात के मौसम में बाढ़ की स्थिति का सामना करना पड़ता है और राजसी नेता व प्रशासनिक अधिकारी लोगों को मीठी गोली देकर समय गुजार देते हैं।

यहां पुल बनाने के लिए लोगों की मांग की तरफ किसी ने कभी कोई ध्यान ही नहीं दिया जिसके चलते हालात इतने खराब हो गए हैं कि गांवों को आपस में जोडऩे वाली सड़क ही नहीं रही बल्कि सड़क में नदी जैसे तेज बहाव में पानी बहने लगा है। यदि समय पर प्रशासन ने लोगों की मांग पर ध्यान दिया होता तो आज ये हालात नहीं देखने पड़ते। उन्होंने प्रशासन से इस संबंधी मदद की गुहार लगाई है।

 उन्होंने मांग करते हुए कहा कि इस खड्ड पर पुल का निर्माण करवाया जाए न कि एक ओर काजवे बनाया जाए। लोगों ने बताया कि प्रशासन मात्र सीमैंट-बजरी से फर्श (काजवे) बना कर अपना पल्लू झाडऩा चाहता है जो कोई पक्का हल नहीं है। जब तक यहां पुल नहीं बनाया जाता तब तक बाढ़ की इस स्थिति का सामना लोगों को हर वर्ष करना पड़ेगा।  वहीं दोपहर तक जब पानी थोड़ा कम हुआ तो लोगों को ट्रैक्टर पर बैठा कर दूसरी तरफ उनके गांवों की ओर निकाला गया।

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