अवैध माइनिंग के चलते लाखों लोगों की आस्था का केन्द्र डेरा स्वामी जगत गिरि का अस्तित्व खतरे में

punjabkesari.in Friday, Feb 21, 2020 - 09:38 AM (IST)

 पठानकोट(शारदा): अवैध माइनिंग के चलते डेरा स्वामी जगत गिरि की मुख्य मार्ग की सड़क बह गई है तथा उसके साथ लगता पुराना पुल भी उखड़ गया है। यही नहीं अवैध माइनिंग के कारण नए बने पुलों को भी नुक्सान हो रहा है। इसके विरोध में चक्की बैंक स्थित डेरे में डेरे के पदाधिकारियों एवं जिला व्यापार मंडल ने जिला प्रशासन के विरुद्ध रोष प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों में डेरा स्वामी जगत गिरि ट्रस्ट के सचिव विजय कुमार, जिला व्यापार मंडल के अध्यक्ष इन्द्रजीत गुप्ता व चेयरमैन विवेक मडिय़ा ने बताया कि डेरे को जाने वाली सड़क काफी लंबे समय से बह चुकी है। डेरे के निर्माण में करोड़ों रुपए लगे हैं और लाखों के हिसाब से संगत प्रतिवर्ष यहां आती है परंतु किसी ने भी माइनिंग के कारण इस डेरे के अस्तित्व को जो खतरा है उसको लेकर किसी ने नहीं कहा। 

उन्होंने आरोप लगाया है कि अधिकारियों और माइनिंग करवाने वालों में सांठ-गांठ जग जाहिर है। इनकी मिलीभगत से ही ये अवैध धंधा फल-फूल रहा है। उन्होंने कहा कि अगर समय रहते माइनिंग विभाग ने चक्की में अवैध माइनिंग पर रोक लगाई होती तो आज यह स्थिति उत्पन्न न होती। एक दशक पहले 200 करोड़ की लागत से बने पुल और उसके साथ ही रेलवे के 2 पुल जो सारे भारत को पंजाब एवं जम्मू-कश्मीर में आपस में जोड़ते हैं का अस्तित्व इन पुलों के कारण खतरे में पड़ जाएगा, परंतु माइनिंग विभाग चादर ओढ़कर गहरी नींद सोया हुआ है। अगर शीघ्र ही इसको बचाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई तो डेरा स्वामी जगत गिरि और जिला व्यापार मंडल पंजाब एवं हिमाचल के मुख्यमंत्री को मिलकर पत्र लिखेंगे ताकि इस डेरा जगत गिरि आश्रम और चक्की पुल को बचाया जा सके।

पुराना पुल हो चुका है पूरी तरह से कंडम

गौरतलब है कि पुराना पुल का सम्पर्क पूरी तरह से टूट चुका है क्योंकि डमटाल से पठानकोट आने के लिए पुल के साथ जुडऩे वाली सड़क पूरी तरह से जमींदोज हो चुकी है क्योंकि पुल के 2 से 3 पिल्लर पानी की मार से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, जिसके कारण विभाग ने पुल को असुरक्षित घोषित करते हुए पहले से बंद आवाजाई पर अब सैर करना और चलना फिरना भी बंद कर दिया है। इस पुल की यह दुदर्शा अवैध माइङ्क्षनग के कारण हुई है क्योंकि 10-15 फुट गहरी चक्की अवैध माइनिंग के चलते 100-150 फुट गहरी हो गई, जिससे पानी की सारी मार पुल के पिल्लरों पर आ गई और पुल असुरक्षित हो गया। एक दशक पहले जो एक डबल पुल नैशनल हाईवे ने 200 करोड़ की लागत से बनाया था उसके पिल्लरों को भी पानी की मार पडऩी शुरू हो गई और आने वाले समय में ये पुल भी माइनिंग की भेंट चढ़ जाएगा। 

अवैध माइनिंग को लेकर मुख्यमंत्री से मिलेगा जिला व्यापार मंडल का शिष्टमंडल

माइनिंग विभाग की कार्यप्रणाली को लेकर जिला व्यापार मंडल में गुस्सा 7वें आसमान पर है। जिला व्यापार मंडल के अध्यक्ष इन्द्रजीत गुप्ता ने कहा कि जिस प्रकार की निष्क्रियता माइनिंग विभाग कर रहा है, ऐसी कहीं भी देखने को नहीं मिलती। ऐसा लगता नहीं कि माइनिंग विभाग पंजाब सरकार के लिए काम कर रहा है। नगर में कहीं भी जाते हैं तो माइनिंग विभाग के चर्चे सुनने को मिलते हैं। शीघ्र ही माइनिंग विभाग की कार्यप्रणाली के संबंध में मुख्यमंत्री पंजाब को एक प्रूफ के साथ पत्र भेजा जाएगा। अगर फिर भी कार्रवाई न हुई तो शिष्टमंडल उनके जाकर मिलेगा। उन्होंने कहा कि विभाग का यह कत्र्तव्य है कि जहां पर पुल हैं, रेलवे के पुल हैं यां डेरा स्वामी जगत गिरि का आश्रम है वहां पर तो कम से कम माइनिंग पर तुरंत रोक लगे। पठानकोट नगर भी धीरे-धीरे अवैध माइनिंग के कारण खतरे में आता जा रहा है। जितनी गहरी चक्की खड्ड हो गई है अगर यह कभी नगर की तरफ रुख कर गई तो परिणाम गंभीर भुगतने पड़ सकते हैं। 

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