छात्राओं को वर्दियां बेचने का मामलाः अध्यापकों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश

punjabkesari.in Thursday, Jan 03, 2019 - 10:52 AM (IST)

सुजानपुर(ज्योति): राज्य सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों के बच्चों को वर्दियों हेतु 600-600 रुपए दिए जाने हैं और इसके लिए सरकार की ओर से वर्दी का सैंपल चैक करके वर्दी के रंग का भी चयन किया गया है, जिसको आगे सरकार द्वारा राज्य के स्कूलों में भेजा जाना था परंतु सुजानपुर के शहीद कैप्टन अरुण सिंह जसरोटिया सीनियर सैकेंडरी स्कूल (लड़कियों) के अध्यापकों द्वारा सरकार के आदेश आने से पहले ही वर्दिfयों की खरीद करके उसे स्कूली छात्राओं को जबरन 450 रुपए में बेचा जा रहा था।

इसके चलते जहां छात्राओं में भारी रोष पाया जा रहा था, वहीं बच्चों के परिजनों में भी भारी रोष पाया जा रहा था क्योंकि सरकार की ओर से उनके बच्चों हेतु नि:शुल्क वर्दी भेजी जा रही है। लोगों ने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की। ‘पंजाब केसरी’ ने छात्रों के परिजनों के बयानों के आधार पर इस समाचार को बड़ी प्रमुखता से प्रकाशित किया था जिसका शीर्षक था ‘अध्यापक बच्चों को जबरन बेच रहे 450 रुपए में वॢदयां’, जिसके चलते राज्य के शिक्षा मंत्री ने उक्त समाचार को पढऩे के पश्चात इसका कड़ा संज्ञान लिया है।

शिक्षा मंत्री ओम प्रकाश सोनी ने कहा कि सरकार की ओर से बच्चों को नि:शुल्क वर्दियां दी जा रही हैं परंतु अध्यापकों द्वारा बच्चों को जबरन 450 रुपए में वर्दी बेचना सरासर गलत है। उन्होंने शिक्षा विभाग के सचिव को आदेश दिए हैं कि जिस स्कूल के अध्यापकों द्वारा बच्चों को जबरन वर्दियां बेची गई हैं उन अध्यापकों पर कानून अनुसार उचित कार्रवाई की जाए ताकि आगे से कोई भी अध्यापक इस प्रकार की गलती न कर सके। 

उचित कार्रवाई न करने पर स्कूल समक्ष दिया जाएगा धरना: सतीश महाजन 
मानव समाज सेवा समिति के अध्यक्ष सतीश महाजन, शहरवासी गौरव कश्यप, हर्ष शर्मा व रमन कुमार ने कहा कि ‘पंजाब केसरी’ ने उक्त समाचार को प्रकाशित कर जरूरतमंद लोगों की आवाज को बुलंद किया है, जो कि सराहनीय कदम है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि शिक्षा विभाग की ओर से वर्दी की बिक्री करने वाले अध्यापकों पर उचित कार्रवाई नहीं की गई तो उनकी ओर से क्षेत्र के समूह लोगों को साथ लेकर स्कूल के समक्ष प्रदर्शन किया जाएगा।  

दिल्ली से आकर करेंगे कार्रवाई: अधिकारी : रविन्द्र कुमार
इसकी बाबत जब जिला शिक्षा अधिकारी (स) रविन्द्र कुमार से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि मामला मेरे ध्यान में है। स्टाफ किसी भी छात्रा को वर्दी जबरन खरीदने हेतु मजबूर नहीं कर सकता। स्टाफ ने जो अपनी मर्जी से वर्दी खरीदी या बेची है, वह गलत है और कार्रवाई के नाम पर उन्होंने कहा कि वह दिल्ली में हंै तथा 5 जनवरी को वहां से आकर कार्रवाई करेंगे। 

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