20 वर्षों से प्रज्वलित है शहीद के नाम की अखंड ज्योति

punjabkesari.in Monday, Jul 22, 2019 - 05:36 PM (IST)

गुरदासपुर(विनोद, हरमनप्रीत): कारगिल युद्ध में शहादत का जाम पीने वाले गांव सलाहपुर बेट निवासी सिपाही सतवंत सिंह की शहादत इबादत बन चुकी है। उसके परिजनों ने पिछले 20 वर्षों से शहीद बेटे की प्रतिमा के समक्ष देसी घी की अखंड ज्योति प्रज्वलित कर रखी है।

शहीद की माता सुखदेव कौर व पिता कश्मीर सिंह ने नम आंखों से बताया कि उनके बेटे ने 4 जुलाई 1999 में पाक के साथ हुए कारगिल युद्ध में टाइगर हिल को फतेह करते हुए शहादत का जाम पिया था। उस समय सतवंत सिंह 21 वर्ष के थे। सुखदेव कौर ने बताया कि जिस दिन बेटे का अन्तिम संस्कार हुआ, उसी दिन से वह उसकी तस्वीर के समक्ष अखंड ज्योति प्रज्वलित कर रही हैं। उन्होंने बताया कि 6 वर्ष पहले उन्होंने गांव भुल्लेचक्क में अपने शहीद बेटे की याद में बने पैट्रोल पंप पर अपने खर्चे से उसकी प्रतिमा लगवाई थी। अब यह अखंड ज्योति वहां पर दिन-रात जल रही है। शहीद के पिता कश्मीर सिंह, मां सुखदेव कौर, भाई सतनाम सिंह, भाभी मङ्क्षहदर कौर ने बताया कि आज भी उनका परिवार सतवंत की प्रतिमा को भोग लगाने के बाद ही अन्न ग्रहण करता है। शहीद सतवंत सिंह के परिजनों ने उन्हें भगवान का दर्जा दिया है। इस अवसर पर शहीद के भाई सतनाम सिंह, जिला एन.आर.आई. सभा के प्रधान एन.पी. सिंह, मनजिंदर सिंह भी उपस्थित थे। 

परिवार पर टूटा है दुखों का पहाड़
शहीद के माता-पिता ने बताया कि बेटे की शहादत के दुख से अभी वह उबर भी नहीं पाए थे कि वर्ष 2007 में उनके दूसरे बेटे नरिन्द्र सिंह की बीमारी से व वर्ष 2012 में तीसरे बेटे हरभजन सिंह की आसमानी बिजली गिरने से मौत हो गई। तीन बेटों के जाने से वे जिंदा लाशें बन कर रह गए हैं।

शहीद के परिजनों के जज्बे को सलाम : कुंवर विक्की
शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविन्द्र सिंह विक्की ने कहा कि शहीद सतवंत सिंह के परिजनों के जज्बे को पूरे देश का सलाम है। शहीद की प्रतिमा के समक्ष पिछले 20 वर्षों से प्रज्वलित अखंड ज्योति एक मशाल बन कर क्षेत्र के युवाओं में देशभक्ति की अलख जगा कर उनमें भारतीय सेना में भर्ती हो कर देश पर मर मिटने का जज्बा पैदा कर रही है।

Vatika