करतारपुर साहिब दर्शन स्थल पर संगत के लिए नहीं कोई सुविधा

punjabkesari.in Monday, Nov 18, 2019 - 09:30 AM (IST)

डेरा बाबा नानक(वतन): करतारपुर साहिब कॉरीडोर के निर्माण से लेकर उद्घाटन तक विभिन्न उच्चाधिकारी तथा राजनीतिज्ञों ने दावा किया था कि डेरा बाबा नानक विश्व का सबसे बढिय़ा धार्मिक केन्द्र बनेगा और देश-विदेश से लोग इस स्थान पर पहुंचेंगे, जबकि कॉरीडोर बनने के बाद अभी तक संगत को प्राथमिक सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं हैं।

आश्चर्य की बात यह है कि जिस मार्ग से संगत सैंकड़ों की संख्या में गुरुद्वारा करतारपुर साहिब के दर्शनार्थ जा रही है, वहां सरकार द्वारा समूचे प्रबंध किए गए हैं लेकिन दूसरी ओर हजारों की संख्या में संगत दर्शन स्थल पर पहुंच कर दूर से ही नतमस्तक हो रही है, वहां सरकार ने किसी तरह की सुविधा उपलब्ध नहीं करवाई है जिस कारण संगत को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दर्शन स्थल पर कोई भी पक्का रैम्प न बनाए के जाने कारण बुजुर्गों व दिव्यांगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है और वे किसी का सहारा लेकर धुस्सी बांध पर निर्मित दर्शन स्थल पर पहुंच रहे हैं। इस दौरान ऐसे कई बुजुर्ग जोड़ों को देखा गया जोकि बहुत मुश्किल से दर्शन स्थल पर पहुंच रहे थे। उनका कहना था कि इस जगह पर व्हीलचेयर का भी प्रबंध किया जाना चाहिए परंतु रैम्प न बने के होने के कारण तब तक उसका भी कोई लाभ नहीं है। हालांकि डेरा बाबा नानक नगर कौंसिल के पास सरबत का भला चैरीटेबल ट्रस्ट द्वारा दान की गई व्हीलचेयर्स उपलब्ध हैं परंतु करतारपुर दर्शन स्थल पर कोई रैम्प न होने के कारण व्हीलचेयर का प्रयोग करना मुश्किल है। 


कच्चे दर्शन स्थल की नहीं कोई छत
दर्शन स्थल पर किसी भी तरह का नव निर्माण नहीं किया गया। यहां निर्माण के नाम पर सीमैंट की कुछ सीढिय़ां जरूर बना दी गई हैं। कच्चे दर्शन स्थल पर जहां बारिश के कारण कीचड़ हो जाता है, वहीं पुराने दर्शन स्थल की तरह इस पर कोई छत नहीं है। 

बी.एस.एफ. ने दर्शन स्थल से हटाई दूरबीन
वर्णनीय है कि करतारपुर कॉरीडोर बनने से पूर्व प्रथम पातशाही श्री गुरु नानक देव के वंशज बाबा सुखदीप सिंह बेदी द्वारा बी.एस.एफ. की 153 बटालियन के सहयोग से भारत-पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर निर्मित धुस्सी बांध पर करतारपुर दर्शन स्थल का पक्का निर्माण करवाया गया था जोकि करतारपुर साहिब कॉरीडोर बनाने दौरान तोड़ दिया गया था। बाबा सुखदीप सिंह बेदी उसी तरह का दर्शन स्थल बनाने की पेशकश कर चुके हैं जिसका अभी तक संबंधित विभाग ने कोई जवाब नहीं दिया है। वहीं बी.एस.एफ. ने दर्शन स्थल से दूरबीन भी हटा ली है।

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