पाक सेना को धूल चटाते हुए कमलजीत ने पिया था शहादत का जाम

punjabkesari.in Tuesday, Dec 03, 2019 - 04:18 PM (IST)

बमियाल/पठानकोट(आदित्य,मुनीष): जब भी किसी दुश्मन की नापाक दृष्टि भारत मां के पाक दामन पर पड़ी, देश के जांबाज सैनिकों ने दुश्मन के नापाक इरादों को चकनाचूर करते हुए उन्हें धूल चटाई है और अपना बलिदान देकर शहीदों की श्रेणी में अपना नाम स्वर्ण अक्षरों में अंकित करवाया।

ऐसा ही एक रणबांकुरा बी.एस.एफ. की 20 बटालियन का वायरलैस ऑप्रेटर नायक कमलजीत सिंह था, जिसने 1971 के भारत-पाक युद्ध में पाक सेना को धूल चटाते हुए कमलजीत ने शहादत का जाम पीकर अपना नाम शहीदों की शृंखला में दर्ज करवा लिया। इस वीर योद्धा के जीवन संबंधी शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविंदर सिंह विक्की ने बताया कि कमलजीत सिंह का जन्म 18 जुलाई 1945 को अमृतसर में माता करतार कौर व पिता बहादुर सिंह के घर हुआ। सरकारी हाई स्कूल अमृतसर से 10वीं करने के उपरांत वह बी.एस.एफ. की 20 बटालियन में भर्ती हो गए। 4 दिसम्बर 1971 को भारत-पाक युद्ध दौरान उनकी ड्यूटी भारत-पाक सीमा की जीरो लाइन पर स्थित बी.एस.एफ. की सिंबल पोस्ट पर थी।

इस दौरान पाक सेना ने हमला बोल दिया। पोस्ट पर बी.एस.एफ. जवानों की संख्या कम थी तथा पाक सेना की पूरी बटालियन थी। वायरलैस ऑप्रेटर कमलजीत सिंह ने अपने साथियों सहित पाक सेना का कड़ा मुकाबला किया, मगर पाक सैनिकों की ज्यादा संख्या होने के कारण इस पोस्ट के जवानों ने पोस्ट छोडऩे का फैसला कर लिया, परंतु कमलजीत ने बहादुरी दिखाते हुए पाक सेना को रोककर रखा, मगर ज्यादा समय पाक सेना के सामने टिक नहीं पाया और पाक सेना उन्हें बंदी बनाकर अपने साथ ले गई और उनका सिर कलम कर सिंबल पोस्ट पर बेरी के पेड़ पर लटका दिया। कुंवर विक्की ने बताया कि इस वीर योद्धा की शहादत को नमन करने हेतु 4 दिसम्बर को बी.एस.एफ. की सिंबल पोस्ट पर शहीद की याद में बने स्मारक पर एक श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें कई गण्यमान्य लोग व बी.एस.एफ. के अधिकारी शामिल होकर इस वीर योद्धा को श्रद्धासुमन अर्पित करेंगे।

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