विदेशों से अभी तक मात्र 6-7 हजार प्रवासी पक्षी ही पहुंचे केशोपुर छंब

punjabkesari.in Friday, Nov 15, 2019 - 10:03 AM (IST)

गुरदासपुर(विनोद): वैसे तो प्रवासी पक्षी हर साल अक्तूबर माह के अंत में केशोपुर छंब में पहुंचने शुरू हो जाते हैं, परंतु इस बार मौसम में कुछ गर्मी होने के कारण ये प्रवासी पक्षी गुरदासपुर के केशोपुर छंब में अब पहुंचने शुरू हुए हैं। इन पक्षियों के छंब में आने से यहां पुन: रौनक दिखाई देने लगी है।

गुरदासपुर से मात्र 8 कि.मी. दूर केशोपुर छंब जो लगभग 800 एकड़ में फैला हुआ है, में हर साल सर्दी का मौसम शुरू होते ही ये प्रवासी पक्षी हजारों किलोमीटर का सफर तय कर आते हैं। साईबेरिया, कजाकिस्तान सहित अन्य देशों से ये पक्षी इस छंब में पहुंचते हैं तथा पानी में अठखेलियां करते हैं। बेशक गत कुछ सालों से पक्षियों का शिकार करने वाले लोगों व ग्लोबल वार्मिंग के कारण इस छंब में प्रवासी पक्षियों की आमद में 90 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है, उसके बावजूद ये पक्षी इस छंब में आते हैं और मार्च माह में वापिस अपने देशों को चले जाते हैं। अभी प्रथम चरण में मात्र 6-7 हजार पक्षी ही यहां पहुंचे हैं तथा सड़क से काफी दूर अपना आशियाना बना रहे हैं।

छंब को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की मांग
पंजाब सरकार ने इस छंब को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए लगभग 15 साल पहले एक योजना बनाई थी और कई बार राजनीतिक नेताओं ने इस छंब को विकसित करने संबंधी राशि की घोषणा भी की थी। इस छंब में 3-4 साल से काम चल रहा है, परंतु बहुत ही धीमी गति से चलने के कारण यह प्रोजैक्ट कब पूरा होगा, यह कुछ कहना कठिन है। छंब में रिसैप्शन सैंटर सहित टॉवर बना कर कुछ रास्ते छंब के अंदर तैयार किए गए हैं। वहीं पर पक्षियों को छुप कर देखने के लिए बर्ड हाईड्स भी तैयार हो चुके हैं, परंतु यह प्रोजैक्ट कब पूरा होगा इस संबंधी कुछ नहीं पता। कहा जाता है कि यह केशोपुर छंब कभी महाराज रणजीत सिंह की शिकारगाह था। पक्षी प्रेमियों ने सरकार व जिला प्रशासन से यहां इन प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा की मांग ही है, वहीं सरकार द्वारा घोषित योजना को पूरा कर इस छंब को पर्यटन स्थल के रूप में जल्दी से जल्दी विकसित करने की मांग की है।

25 से 30 किस्म के पक्षी आते हैं छंब में
कहा जाता है कि सैंकड़ों सालों से इस केशोपुर छंब में प्रवासी पक्षी हजारों किलोमीटर का सफर तय कर हर साल आते हैं। यहां आने वाले पक्षियों में मुख्यत: मुरगामी, गड़वाल, टफटिड पैचिड, विजन, पेंटल, साईबेरियन क्रेन सहित लगभग 25-30 किस्मों के पक्षी आते हैं। पहले तो इस छंब में 3 से 4 लाख पक्षी आते थे, परंतु गत कुछ सालों से कुछ लोगों द्वारा पानी में जहरीला छिड़काव कर इनका शिकार किए जाने के कारण इन प्रवासी पक्षियों की आमद लगभग 25 हजार रह गई है। कुछ लोग रात के समय इस छंब के किनारों पर पानी में जहरीली दवाई का छिड़काव कर देते थे, जिससे इस पानी को पीते ही तो पक्षी तड़पने लगते हैं। ये शिकारी इन पक्षियों की हत्या कर उनका मास जिला गुरदासपुर, पठानकोट सहित अमृतसर के होटलों को सप्लाई करते थे, परंतु अब इस धंधे पर पूरी तरह से रोक लगाई जा चुकी है।

क्या कहते हैं संबंधित अधिकारी
इस संबंधी विभाग के अधिकारियों ने कहा कि प्रोजैक्ट का काफी काम पूरा हो चुका है। प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा संबंधी कई कदम उठाए गए हैं तथा कर्मचारियों को तैनात किया गया है। यदि कोई व्यक्ति इन प्रवासी पक्षियों का शिकार करता पकड़ा गया तो सख्त कानूनी कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि पूर्व जिलाधीश गुरदासपुर एस.के. संधू तथा प्रदीप सभ्रवाल ने इस प्रोजैक्ट को चालू करवाने में काफी मेहनत की थी तथा उनकी मेहनत जल्दी रंग लाएगी। ग्लोबल वाॄमग के कारण यहां पर पक्षियों की आमद में कमी आ रही है।

क्या कहना है हलके के विधायक का
इस संबंधी गुरदासपुर के विधायक बरिन्द्रमीत सिंह पाहड़ा से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि यह प्रोजैक्ट प्राथमिकता पर है तथा काम तेजी से चल रहा है। कुछ आॢथक समस्याओं के कारण इस प्रोजैक्ट का काम पूरा नहीं हो रहा था, जबकि अब काम में तेजी आएगी।

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